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मनमाना शुल्क वसूल रहे एंबुलेंस, इनका किराया तय करेगा उत्तराखंड परिवहन विभाग

इस संक्रमण काल में भी कुछ लोग मुनाफाखोरी से बाज नहीं आ रहे हैं। एंबुलेंस के लिए भी मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है। ऐसी कई शिकायतें मिलने के बाद उत्तराखंड परिवहन विभाग एक्शन मोड में आ गया है। इनका किराया निर्धारित करने जा रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 01 May 2021 11:10 AM (IST)Updated: Sat, 01 May 2021 11:10 AM (IST)
मनमाना शुल्क वसूल रहे एंबुलेंस, इनका किराया तय करेगा उत्तराखंड परिवहन विभाग
कुछ लोग मुनाफाखोरी से बाज नहीं आ रहे हैं। एंबुलेंस के लिए भी मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। इस संक्रमण काल में भी कुछ लोग मुनाफाखोरी से बाज नहीं आ रहे हैं। एंबुलेंस के लिए भी मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है। ऐसी कई शिकायतें मिलने के बाद उत्तराखंड परिवहन विभाग एक्शन मोड में आ गया है। विभाग मनमाफिक किराया वसूलने वाले एंबुलेंस संचालकों पर नकेल कसने के लिए किराया निर्धारित करने जा रहा है। यह व्यवस्था अमल में आने के बाद अगर कोई एंबुलेंस संचालक निर्धारित से ज्यादा किराया वसूलता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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हाल ही में जिला प्रशासन की तरफ से एंबुलेंस संचालकों द्वारा मरीजों और उनके तीमारदारों से मनमाफिक किराया वसूलने का मामला परिवहन विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया था। इसके बाद परिवहन विभाग हरकत में आया और एंबुलेंस का किराया तय करने के लिए प्रस्ताव बनाना शुरू किया। यह प्रस्ताव राज्य परिवहन प्राधिकरण को भेजा जाएगा। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। 

एंबुलेंस संचालकों के साथ की बैठक

इससे पहले शुक्रवार को परिवहन विभाग ने अधिक शुल्क वसूलने की शिकायतों के संबंध में देहरादून के विभिन्न एंबुलेंस संचालकों को बैठक के लिए बुलाया। आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी ने बताया कि एंबुलेंस संचालकों को अधिक शुल्क वसूलने की शिकायतें मिलने से अवगत कराया गया है। उन्हें हिदायत दी गई है कि ज्यादा शुल्क न वसूलें। इस पर एंबुलेंस संचालकों ने पूर्व में निर्धारित 50 रुपये प्रति किमी की दर से ही शुल्क लेने का आश्वासन दिया।

अभी तय नहीं है किराया

सरकार की ओर से अभी एंबुलेंस के लिए किराया तय नहीं है। इस कारण मनमाना किराया वसूलने की शिकायतें मिलने के बाद भी अब तक किसी एंबुलेंस संचालक के खिलाफ करवाई नहीं की जा सकी है। आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी ने बताया कि एंबुलेंस को टैक्सी में शामिल नहीं किया जाता, इसलिए इनका किराया भी तय नहीं किया गया। एंबुलेंस संचालकों की कोई यूनियन भी नहीं है, जिस कारण एक साथ सभी तक कोई संदेश पहुंचाना भी संभव नहीं हो पा रहा।

जिले में 654 एंबुलेंस पंजीकृत

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार देहरादून जिले में कुल 654 एंबुलेंस पंजीकृत हैं। इनमें 410 सरकारी और 244 प्राइवेट एंबुलेंस हैं। 

संदीप सैनी (आरटीओ प्रवर्तन) ने कहा कि एंबुलेंस संचालकों द्वारा मनमाफिक किराया वसूलने की शिकायत जिला प्रशासन से मिली है। इस पर रोक लगाने के लिए एंबुलेंस का किराया निर्धारित करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। किराया तय होने तक संचालकों को पहले की तरह शुल्क लेने की हिदायत दी गई है।

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