Move to Jagran APP

Valley of Flowers: फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए बंद, यहां खिलते हैं 500 तरह के फूल; जानें- अब कब होंगे दीदार

फूलों की घाटी पयर्टकों के लिए बंद कर दी गई है। रविवार को दोपहर के बाद इसको लेकर औपाचारिक तौर परआदेश जारी कर दिया गया था। हालांकि पिछले दिनों प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster) के बाद से ही घाटी में पर्यटकों का प्रवेश बंद कर दिया गया था

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 01 Nov 2021 10:08 AM (IST)Updated: Tue, 02 Nov 2021 09:53 AM (IST)
Valley of Flowers: फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए बंद, यहां खिलते हैं 500 तरह के फूल; जानें- अब कब होंगे दीदार
Valley of Flowers: फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए बंद, यहां खिलते हैं 500 तरह के फूल। फाइल फोटो

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर (चमोली)। विश्व धरोहर फूलों की घाटी (Valley of Flowers) पयर्टकों के लिए बंद कर दी गई है। रविवार को दोपहर के बाद इसको लेकर औपाचारिक तौर परआदेश जारी कर दिया गया था। हालांकि, पिछले दिनों प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster) के बाद से ही घाटी में पर्यटकों का प्रवेश बंद कर दिया गया था। इससे बीती 18 अक्टूबर से यहां कोई भी सैलानी नहीं आया। अब सैलानी अगले वर्ष जून से घाटी का दीदार कर पाएंगे।

loksabha election banner

नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क (Nanda Devi National Park) के रेंज अधिकारी बृजमोहन भारती ने बताया कि इस वर्ष 9404 सैलानियों (Tourists) ने फूलों की घाटी की सैर की, जबकि पिछले वर्ष कोरोना काल (Coronavirus Outbreak) में यह संख्या सिर्फ 924 थी। कोविड के चलते इस साल फूलों की घाटी में पर्यटकों को एक जुलाई से प्रवेश से की अनुमति दी गई थी। रेंज अधिकारी के मुताबिक पर्यटकों से पार्क को इस बार 13 लाख 93 हजार 575 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।

पर्यटकों के आंकड़े

वर्ष 2018 14752

वर्ष 2019 17724

वर्ष 2020 924

वर्ष 2021 9404

यह भी पढ़ें- Adventure Tourism: रोमांच के शौकीनों के लिए अच्छी खबर, पौड़ी के सतपुली में उड़ान भरते नजर आएंगे पैराग्लाइडर

फूलों का अद्भुत संसार, खिलते हैं करीब पांच सौ प्रजातियों के फूल

फूलों की घाटी में फूलों का अद्भुद संसार देख मन बेहद खुश हो जाता है। चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी में करीब पांच सौ प्रजातियों के फूल खिलते हैं, जो हर किसी को अपनी ओर खींच लाते हैं। इन फूलों में रोडोडियाड्रोन, अर्बेनियम बेथमानी, इनमें जर्मेनियम, लिलियम, बछनाग, डेलफिनियम, ब्रह्मकमल, कस्तूरा कमल, हिमालयी नीला पोस्त, मार्श समेत अन्य कई प्रजातियां भी शामिल हैं। इससे फूलों की घाटी का सौंदर्य और निखर जाता है और लोग यहां आने को मजबूर हो जाते हैं।

यह भी पढें- Uttarakhand Tourism: सर्दियों की गुनगुनी धूप बैठ देखिए हिमराज की दिलकश वादियां, जानें- कैसे पहुंचे लैंसडौन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.