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उत्‍तराखंड के लाल की सड़क दुर्घटना में मौत, मथुरा के पास सेना का वाहन हुआ दुर्घटनाग्रस्त

शहीद सचिन कंडवाल का परिवार मूलतः कंडवाल गांव नारायणबगड का रहने वाला है। पिछले पांच साल से परिवार दून के अपर सारथी विहार में किराये के मकान में रहता है। जवान बेटे की शहादत की खबर से घर में मातम पसरा हुआ है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 08:43 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 10:29 PM (IST)
उत्‍तराखंड के लाल की सड़क दुर्घटना में मौत, मथुरा के पास सेना का वाहन हुआ दुर्घटनाग्रस्त
भारतीय सेना में सेवारत चमोली जिले के पिंडरघाटी नारायणबगड़ कंडवाल गांव का लाल गलवान घाटी में शहीद हो गया।

जागरण संवाददाता, देहरादून। दून निवासी सेना के जवान 24 वर्षीय सचिन कंडवाल की एक सड़क दुघर्टना में आकस्मिक मौत हो गई। 55 बंगाल इंजीनियर ग्रुप में तैनात सचिन मूलरूप से चमोली जिले के नारायणबगड़ विकासखंड के अंतर्गत कंडवाल गांव के रहने वाले थे। उनका परिवार पिछले पांच साल से देहरादून के अपर सारथी विहार में किराये के मकान पर रहता है। जवान बेटे की मौत की खबर सुनते ही घर में मातम पसर गया। दिनभर आसपास के लोग व नाते-रिश्तेदार गमगीन परिवार को ढाढस बंधाने पहुंचते रहे। तिरंगे में लिपटा जवान का पार्थिव शरीर दोपहर को दून पहुंचा। इसके बाद सैन्य सम्मान के साथ हरिद्वार में अंत्येष्टि की गई।

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जानकारी के अनुसार, सचिन हाल ही में छुट्टी पर घर आए थे। बीती 16 जुलाई को वह वापस ड्यूटी पर लौटे। छुट्टी खत्म होने से तीन दिन पहले ही उन्हें वापस बुला लिया गया था, क्योंकि उनकी यूनिट को गलवान घाटी के लिए रवाना होना था। बताया जा रहा है कि वह अपने साथियों के साथ प्रयागराज से कान्वाय से निकले थे, मगर बुधवार देर शाम मथुरा एक्सप्रेस-वे पर वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने से उनकी मौत हो गई। देर रात उनके परिवार को यह खबर मिली। जिसके बाद घर में कोहराम मच गया। पिता मधुसूदन कंडवाल और मां राजेश्वरी को भरोसा नहीं हो रहा है कि उनका लाडला अब उनके बीच नहीं रहा।

सचिन की बीते साल दिसंबर में सगाई हुई थी। परिवार आगामी विजयदशमी पर उनकी शादी करने की तैयारी में जुटा हुआ था, लेकिन तकदीर ने ऐसा मुंह फेरा कि जिसे सेहरा पहने देखने की ख्वाहिश थी वह तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा।

बचपन से ही होनहार थे सचिन

सचिन बचपन से ही होनहार थे। राइंका नारायणबगड़ से इंटर की परीक्षा भी उन्होंने 75 फीसद से अधिक अंकों से पास की थी। उनके सामने करियर संवारने के लिए कई विकल्प थे, मगर ख्वाहिश सैन्य वर्दी पहनने की थी। इसलिए वर्ष 2015 में फौज में भर्ती हो गए। इसके बाद अलग-अलग जगह तैनात रहे। उनके छोटे भाई सौरभ कंडवाल भी 21वीं गढ़वाल राइफल्स में तैनात हैं। वह वर्तमान में द्रास सेक्टर में तैनात हैं। भाई की मौत की खबर मिलने पर वह दोपहर में दून पहुंचे। सचिन की बहन रोजी टिहरी में फार्मेसिस्ट हैं।

सैन्य परंपरा की मिसाल है परिवार

सचिन कंडवाल का परिवार सैन्य परंपरा की मिसाल है। यद्यपि उनके पिता मधुसूदन कंडवाल अपना व्यवसाय चलाते हैं, पर छोटा भाई सौरभ फौज में है। इसके अलावा उनके ताऊ भरत प्रसाद कंडवाल और बल्लभ प्रसाद कंडवाल भी सेना से हवलदार रैंक से सेवानिवृत्त हैं। ताऊ भरत के दो बेटे सतीश व संदीप भी फौज में हैं। दूसरे ताऊ बल्लभ का बेटा तिलक भी फौज में है।

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