पर्वतीय जिलों में स्कूल खुलने का दिखा ज्यादा फायदा, मैदान में 62 से 72 फीसद के बीच सिमटी उपस्थिति
Uttarakhand School Reopen सरकारी स्कूलों को बीते माह से खोलने का फैसला छात्रों और उनके अभिभावकों को खूब रास आया है। कुल छात्रों में से 70 फीसद स्कूल आने लगे हैं। पर्वतीय जिलों में स्कूल आने वालों की तादाद 80 फीसद से भी ज्यादा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand School Reopen कोरोना महामारी की वजह से बीते शैक्षिक सत्र में बंद रहे सरकारी स्कूलों को बीते माह से खोलने का फैसला छात्रों और उनके अभिभावकों को खूब रास आया है। कुल छात्रों में से 70 फीसद स्कूल आने लगे हैं। पर्वतीय जिलों में स्कूल आने वालों की तादाद 80 फीसद से भी ज्यादा है।
पिछले शैक्षिक सत्र 2020-21 में कोरोना की वजह से सरकारी स्कूल बंद ही रह गए थे। बीते नवंबर माह से बोर्ड की 10वीं व 12वीं कक्षा के लिए ही स्कूलों को खोला गया था। चालू शैक्षिक सत्र में भी कोरोन की दूसरी घातक लहर की वजह से जुलाई माह तक स्कूल बंद ही रहे। बीते माह अगस्त में स्कूलों को खोलने का असर दिखाई दिया है। सवा साल से घरों में कैद रहने को मजबूर रहे छात्र स्कूलों में उमड़ पड़े। हालांकि शुरुआती दिनों में छात्रों की उपस्थिति 30 से 40 फीसद के बीच सिमटी रही।
दरअसल, छात्रों को ये विकल्प दिया गया है कि स्कूल आने के लिए उनके अभिभावकों की मंजूरी आवश्यक होगी। पर्वतीय क्षेत्रों में आनलाइन पढ़ाई खास फायदा नहीं मिला स्कूल खुलने के बाद छात्रों की चहल-पहल तेजी से बढ़ी है। खासतौर पर पर्वतीय जिलों में स्कूल आने में छात्र ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं। इन क्षेत्रों के छात्रों को आनलाइन पढ़ाई का खास फायदा नहीं मिल पाया है। स्कूल आने के प्रति उनके रुझान के पीछे एक वजह यह भी आंकी जा रही है।
पर्वतीय जिलों अल्मोड़ा में 80.2 फीसद, बागेश्वर में 82 फीसद, चमोली में 88.9 फीसद, पौड़ी में 82 फीसद, रुद्रप्रयाग में 80.2 फीसद और उत्तरकाशी में 81.3 फीसद छात्र स्कूल पहुंचे। मैदानी जिलों में कम उपस्थिति पर्वतीय जिलों में एकमात्र पिथौरागढ़ जिले में ही छात्रों की उपस्थिति आश्चर्यजनक ढंग से सिर्फ 57.1 फीसद तक रही। टिहरी में 72.9 फीसद और चंपावत में 72 फीसद बच्चों ने स्कूलों का रुख किया।
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इसीतरह मैदानी जिलों ऊधमसिंहनगर में 64.3 फीसद, हरिद्वार में 52.2 फीसद, देहरादून में 62.7 फीसद और नैनीताल में 73 फीसद बच्चों की स्कूलों में आमद हुई। आफलाइन पढ़ाई का रास्ता खुलने से शिक्षा विभाग भी राहत की सांस ले रहा है। शिक्षा सचिव राधिका झा का कहना है कि स्कूल खुलने से बच्चों को पढ़ाई का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।
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