Uttarakhand Scholarship Scam: सीएम के कड़े रुख के बाद गीताराम नौटियाल की बहाली के आदेश निरस्त
सीएम रावत के कड़े रुख के बाद शासन ने करोड़ो के छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपित समाज कल्याण के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल की बहाली के आदेश को निरस्त कर दिया गया है।
देहरादून, जेएनएन। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कड़े रुख के बाद शासन ने करोड़ो के छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपित समाज कल्याण के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल की बहाली के आदेश को निरस्त कर दिया गया है। बता दें कि शासन ने 18 मई को निलंबन से बहाली के आदेश जारी किए थे।
दरअसल, बहुचर्चित घोटाले में निलंबित चल रहे गीताराम नौटियाल को शासन ने 18 मई को बहाल करने के साथ ही निदेशालय में तैनाती भी दे दी थी। गुरुवार को बात सामने आई कि शासन ने इस बारे में विभागीय मंत्री का अनुमोदन तक नहीं लिया। इसके बाद में मामला मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तक पहुंच गया, तो उन्होंने इस पर सख्त नाराजगी जताई और नौटियाल को फिर निलंबित करने के आदेश दिए।
इस क्रम में शासन ने कार्मिक और न्याय विभाग से राय लेने के बाद 18 मई के आदेश को निरस्त कर दिया गया है। इसके साथ ही नौटियाल फिर निलंबित हो गए है। बता दें कि छात्रवृत्ति घोटाले में नौटियाल को पिछले साल 31 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और फिर 19 नवंबर को उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
जानिए क्या है पूरा मामला
इस बहुचर्चित मामले में उत्तराखंड में अब तक 115 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। साथ ही समाज कल्याण विभाग के आधा दर्जन अफसरों समेत 79 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। अभी एसआइटी इस प्रकरण की जांच में जुटी हुई है। समाज कल्याण विभाग में दशमोत्तर छात्रवृत्ति वितरण में हुआ यह घपला तब सामने आया था, जब कैग ने अपनी रिपोर्ट में छात्रवृत्ति वितरण पर सवाल उठाए। 2012 से 2016 के दरम्यान छात्रवृत्ति का वितरण ऐसे संस्थानों को भी कर दिया गया, जो वजूद में ही नहीं थे।
न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि अन्य राज्यों के शैक्षणिक संस्थानों को भी खुले हाथों से छात्रों को बांटी जाने वाली छात्रवृत्ति दे दी गई। बाद में मामले के तूल पकड़ने पर शासन ने इसकी जांच एसआइटी को सौंप दी। फिर तो राज्यभर में इस मामले में ताबड़तोड़ मुकदमे दर्ज हुए। गढ़वाल मंडल के जिलों में 62 और कुमाऊं मंडल में 53 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें गढ़वाल में 30 और कुमाऊं मंडल में 49 लोगों की गिरफ्तारी हुई। इनमें समाज कल्याण के छह अधिकारी भी शामिल थे। इस मामले में आरोपित समाज कल्याण के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी पिछले वर्ष 31 अक्टूबर को हुई थी। इसके 19 दिन बाद शासन ने उन्हें निलंबित करने के आदेश जारी किए थे।