पदोन्नति के पांच माह बाद भी नहीं मिली तैनाती, सात अधिकारियों को फरवरी में बनाया गया था एआरटीओ
परिवहन विभाग ने कहने को तो सात अधिकारियों को पदोन्नति देकर अपर संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) बना दिया मगर पदोन्नति के पांच माह बाद भी इन्हें तैनाती नहीं दी जा सकी है। यह स्थिति तब है जब प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ रहा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। परिवहन विभाग ने कहने को तो सात अधिकारियों को पदोन्नति देकर अपर संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) बना दिया, मगर पदोन्नति के पांच माह बाद भी इन्हें तैनाती नहीं दी जा सकी है। यह स्थिति तब है जब प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ रहा है और मैदानी क्षेत्रों से पदोन्नत अधिकारियों की तैनाती पर्वतीय क्षेत्रों में की जानी थी।
परिवहन विभाग में इसी वर्ष फरवरी में सात अधिकारियों को एआरटीओ पद पर पदोन्नति दी गई थी। इनमें हीरा सिंह बर्गली, ज्योति कुमार मिश्र, विपिन कुमार, निखलेश कुमार ओझा, अशीत कुमार झा, पंकज श्रीवास्तव व रत्नाकर सिंह शामिल थे। पदोन्नति आदेश जारी करने के बाद कहा गया कि इनकी तैनाती के आदेश अलग से जारी किए जाएंगे, तब तक ये अपने वर्तमान तैनाती स्थल पर ही सेवाएं देते रहेंगे।
इन पदोन्नत अधिकारियों की मुख्यालय स्तर से तैनाती की पत्रावली भी चली। यह फाइल पहले शासन और उसके बाद परिवहन मंत्री को भेजी गई। इसके बाद यह फाइल कहां है, किसी को पता नहीं। कारण यह कि मुख्यालय तक वापस किसी भी अधिकारी की तैनाती के आदेश नहीं पहुंचे हैं। इस कारण सभी पदोन्नत अधिकारी अपनी पूर्व तैनाती स्थल पर ही कार्यरत है।
अब परिवहन विभाग के ढांचे पर नजर ढालें तो अभी तकरीबन 15 स्थानों पर एआरटीओ के पद खाली चल रहे हैं। इनमें पौड़ी, अल्मोड़ा, बागेश्वर व पिथौरागढ़ कार्यालय भी शामिल हैं। इन सभी कार्यालयों में बीते एक वर्ष में दुर्घटनाओं के ग्राफ में खासी तेजी देखी गई है। अभी यहां कामचलाऊ व्यवस्था के आधार पर कर अधीक्षकों को प्रभारी एआरटीओ का जिम्मा सौंपा गया है।
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