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उत्तराखंड: आपत्तियों के कारण नहीं हुआ किराया वृद्धि पर फैसला, नए सिरे से बनाई जाएगी समिति

किराया वृद्धि को लेकर राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की बैठक में कोई निर्णय नहीं हो पाया। विभिन्न व्यवसायिक वाहन संगठनों द्वारा दर्ज आपत्तियों पर सुनवाई के बाद इसके लिए नए सिरे से किराया निर्धारण समिति बनाने का निर्णय लिया गया है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 10:48 AM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 10:48 AM (IST)
उत्तराखंड: आपत्तियों के कारण नहीं हुआ किराया वृद्धि पर फैसला, नए सिरे से बनाई जाएगी समिति
आपत्तियों के कारण नहीं हुआ किराया वृद्धि पर फैसला, नए सिरे से बनाई जाएगी समिति।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। व्यवसायिक वाहनों की किराया वृद्धि को लेकर राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की बैठक में कोई निर्णय नहीं हो पाया। विभिन्न व्यवसायिक वाहन संगठनों द्वारा दर्ज आपत्तियों पर सुनवाई के बाद इसके लिए नए सिरे से किराया निर्धारण समिति बनाने का निर्णय लिया गया है। आरटीओ देहरादून दिनेश पठोई की अध्यक्षता में गठित समिति में हल्द्वानी, देहरादून, अल्मोड़ा व पौड़ी के आरटीओ के साथ ही लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता को शामिल किया गया है। यह समिति नए सिरे से किराये के संबंध में अपनी रिपोर्ट एसटीए को सौंपेगी।

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शनिवार को परिवहन मुख्यालय में आयुक्त परिवहन दीपेंद्र चौधरी की अध्यक्षता में एसटीए की बैठक हुई। बैठक में किराया निर्धारण समिति की बैठक प्रस्तुत की गई। समिति ने साधारण बसों के किराये में मैदानी क्षेत्रों के लिए प्रति किमी 29 पैसे और पर्वतीय मार्गों के लिए 45 पैसे प्रति किमी की बढ़ोतरी प्रस्तावित की। वहीं एसी नान डीलक्स बसों के लिए यह वृद्धि मूल दर की 1.25 गुणा, एसी डीलक्स के लिए यह दर मूल दर की 1.90 गुणा और सुपर लग्जरी कोज के लिए यह दर मूल दर की तीन गुना प्रस्तावित की गई।

चारधाम व हेमकुंंड साहिब जाने वाली बसों में यह दर सात से 10 रुपये तक बढ़ाई जानी प्रस्तावित की गई। सिटी बसों के लिए किराये में तीन रुपये से पांच रुपये, आटो रिक्शा के लिए प्रति किमी तीन रुपये और रात को दोगुना किराया किया जाना प्रस्तावित था। वहीं, टैक्सी व मैक्सी के लिए दरों में दस से लेकर 13 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी प्रस्तावित थी। ई रिक्शा के लिए भी इस बार पहली बार किराया तय किया गया था। यह किराया पूरे रिक्शा के लिए प्रति किमी 13 रुपये निश्चित किया गया। ट्रक के किराये में भी प्रति किमी, प्रति क्विंटल 5.25 रुपये की बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई। इस पर संबंधित व्यवसायिक वाहन संचालकों ने आपत्ति दर्ज की।

बैठक की अध्यक्षता आयुक्त परिवहन दीपेंद्र चौधरी ने की। बैठक में सचिव एसटीए व उपायुक्त सनत कुमार सिंह, अपर सचिव एसटीए अनीता चमोला, सदस्य एमसी उप्रेती, मनोनीत सदस्य एसएस रावत व आमंत्रित सदस्य आरटीओ देहरादून डीसी पठोई उपस्थित थे।

ये रही प्रमुख आपत्तियां

-देहरादून से विकासनगर का किराया परिवहन निगम की बसों में अधिक है। समिति की रिपोर्ट में बढ़ोत्तरी बहुत कम है। निजी बसों में भी परिवहन निगम की दरों के अनुसार ही किराया बढ़ाया जाए। बैठक में बताया गया कि परिवहन निगम का प्रस्ताव न मिलने के कारण अभी इस पर निर्णय नहीं लिया जा सकता।

-ट्रकों के किराये के संबंध में यह आपत्ति की गई कि इसमें सभी ट्रकों को एक ही श्रेणी में रखकर किराया निर्धारित किया गया है। सुझाव दिया गया कि ट्रकों की तीन श्रेणियां होनी चाहिए। इसके आधार पर किराया निर्धारण करना चाहिए। यह निर्णय लिया गया कि सुझाव का परीक्षण कर इस पर कार्यवाही की जाएगी।

-बस आपरेटरों की यह आपत्ति थी कि किराया निर्धारण समिति ने केवल देहरादून, ऋषिकेश व ऊधमसिंह नगर से ही वाहनों की जानकारी लेकर किराया निर्धारित किया है। उत्तराखंड के सभी जिलों की भौगोलिक स्थिति अलग है। इस कारण सभी जिलों का प्रतिनिधित्व लेते हुए किराया का निर्धारण किया जाए। एसटीए ने नए सिरे से किराया निर्धारण समिति बनाने का निर्णय 

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