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उत्तराखंड: संख्या में बेहद कम निजी स्कूलों में ज्यादा हैं तीन लाख छात्र, सरकारी स्कूलों में संकट

निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी और सहायताप्राप्त अशासकीय स्कूलों की संख्या तीन गुना ज्यादा है लेकिन छात्रसंख्या के मामले में ये बहुत पीछे हैं। इनमें पढ़ाई की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। वहीं निजी स्कूलों में 3.13 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 02:10 PM (IST)Updated: Fri, 08 Oct 2021 02:10 PM (IST)
उत्तराखंड: संख्या में बेहद कम निजी स्कूलों में ज्यादा हैं तीन लाख छात्र, सरकारी स्कूलों में संकट
उत्तराखंड: संख्या में बेहद कम निजी स्कूलों में ज्यादा हैं तीन लाख छात्र, सरकारी स्कूलों में संकट।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी और सहायताप्राप्त अशासकीय स्कूलों की संख्या तीन गुना ज्यादा है, लेकिन छात्रसंख्या के मामले में ये बहुत पीछे हैं। इनमें पढ़ाई की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। वहीं निजी स्कूलों में 3.13 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं हैं। सरकारी स्कूलों की इस संकटपूर्ण स्थिति पर मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने चिंता जताते हुए शिक्षा महानिदेशक को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए स्कूलों का सर्वेक्षण करने को कहा, ताकि वंचित स्कूलों के लिए कार्ययोजना बनाई जा सके।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीती 21 सितंबर को शिक्षा विभाग की समीक्षा की थी। बैठक का कार्यवृत्त शासन ने जारी किया है। मुख्य सचिव ने स्कूलों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की उपलब्धता के लिए सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद वंचित विद्यालयों में कनेक्टिविटी के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। शासन ने तय किया है कि राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को पदोन्नति से भरने के लिए सेवा शर्तों में एक बार शिथिलीकरण देने पर सहमति व्यक्त की गई है। विभाग को इस संबंध में कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।

सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण लंबित

बैठक में यह भी पता चला कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में अधिसंख्य प्रकरण लंबित हैं। विभाग ने बताया कि ज्यादातर मामले सेवा संबंधित हैं। नियमों के मुताबिक ये हेल्पलाइन के दायरे से बाहर हैं। मुख्य सचिव ने इन शिकायतों को श्रेणीवार अलग-अलग कर निस्तारित करने के निर्देश महानिदेशक को दिए हैं। शिक्षा विभाग की ओर से कराए जा रहे महत्वपूर्ण निर्माण कार्यों की गुणवत्ता तय करने को प्रधानाचार्य, खंड शिक्षाधिकारी के साथ ही स्कूल प्रबंधन समिति और अभिभावक शिक्षक संघ और मुख्य शिक्षा अधिकारी को जवाबदेह बनाने का निर्णय हुआ है।

जखोली सैनिक स्कूल को बजट से केंद्र का इन्कार

रुद्रप्रयाग जिले के जखोली में सैनिक स्कूल के बारे में बताया गया कि डीपीआर बनाई जा चुकी है। केंद्र सरकार ने इसके निर्माण को बजट उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई है। बैठक में सैनिक स्कूल के निर्माण को राज्य हित में जरूरी बताया गया। प्रस्तावित डीपीआर को शासन से स्वीकृति दिलाई जाएगी। यह तय किया गया कि स्कूल के लिए बजट के बंदोबस्त को केंद्र सरकार से अनुरोध किया जाएगा।

वादों के निपटाने को पृथक लीगल सेल

मुख्य सचिव डा संधु ने शिक्षा विभाग में अदालती मामलों के अंबार को देखते हुए अलग से लीगल सेल गठित करने के निर्देश दिए। इस सेल में एक सेवानिवृत्त निदेशक, अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी व दो अधिवक्ताओं की नियुक्ति करने पर सहमति बनी। इस पर होने वाले खर्च के लिए व्यवस्था बनाई गई। यह भी तय किया गया कि बीआरपी व सीआरपी के पदों पर पदस्थापना के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव रखा जाएगा। अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में अन्य विद्यालयों से पदस्थापित शिक्षकों के स्थान पर इन विद्यालयों में शिक्षकों की तत्काल व्यवस्था के निर्देश दिए गए।

देहरादून में होगा मुख्य कार्यक्रम

मैदानी क्षेत्रों में स्कूलों में अध्ययनरत बालिकाओं को साइकिल देने और पर्वतीय क्षेत्रों में साइकिल की कीमत के बराबर धनराशि देने पर सहमति बनी है। बालिकाओं को यह सुविधा समारोह आयोजित कर दी जाएगी। इस संबंध में मुख्य कार्यक्रम देहरादून में करने का निर्णय किया गया है। सरकारी स्कूलों के उत्तराखंड बोर्ड से 12वीं कक्षा के टापर 100 विद्यार्थियों को 2500 रुपये प्रतिमाह देने का निर्णय हुआ। यह राशि अगले पांच वर्ष तक उच्च शिक्षा के लिए दी जाएगी। इस निर्णय के मुताबिक शासन ने आदेश जारी कर दिया है।

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शिक्षा विभाग में खरीदे जाएंगे नए वाहन

शिक्षा विभाग में मंडल व जिला स्तरपर पुराने हो चुके वाहनों के स्थान पर नए वाहन खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। अंतर्विभागीय समन्वय के महत्वपूर्ण प्रकरणों के निस्तारण और प्रत्येक विद्यालय में पेयजल, क्रियाशील शौचालय की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए।

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