Uttarakhand News: इंटर में सरकारी विद्यालयों का रुख कर रही हैं अधिक छात्राएं
Uttarakhand News अधिक छात्राएं इंटर में सरकारी विद्यालयों का रुख कर रही हैं। बता दें कि प्रदेश में सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में हाईस्कूल व इंटर में एक लाख छात्राएं अध्ययनरत हैं। इसमें सर्वाधिक बालिकाएं देहरादून जिले की हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में हाईस्कूल और इंटर में 1,00,480 छात्राएं अध्ययनरत हैं। हाईस्कूल की तुलना में इंटर में छात्राओं की संख्या अधिक है। सर्वाधिक 18,110 बालिकाएं देहरादून जिले की हैं।
दूसरे स्थान पर पिथौरागढ़, तीसरे स्थान पर अल्मोड़ा और चौथे स्थान पर ऊधमसिंहनगर जिला है। कुल 13 में से पांच जिलों में ही छात्राओं की संख्या 10 हजार से अधिक है।
सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में हाईस्कूल और इंटर की बोर्ड कक्षाओं में अध्ययनरत छात्राओं की संख्या चौंकाने वाली है। विशेष रूप से हाईस्कूल में अपेक्षाकृत बहुत कम छात्राएं ही हाईस्कूल में प्रवेश ले रही हैं।
यह संख्या मात्र 39,696 है। इंटर में छात्राओं की संख्या में बड़ी वृद्धि देखी जा रही है। यह संख्या 60784 है। यह माना जा सकता है कि हाईस्कूल तक निजी माध्यमिक विद्यालयों में पढऩे वाली छात्राएं हाईस्कूल पास करने के बाद इंटर में सरकारी माध्यमिक विद्यालयों का रुख कर रही हैं।
देहरादून जिले में सरकारी विद्यालयों में हाईस्कूल में पढ़ रही बालिकाओं की संख्या मात्र 2353 है, जबकि इंटर में यह संख्या बढ़कर 15,757 तक हो रही है। देहरादून के बाद पर्वतीय जिले चमोली में भी हाईस्कूल में 299 और इंटर में 3184 छात्राएं पढ़ाई कर रही हैं।
टिहरी जिले में हाईस्कूल में 3720 और इंटर में 4903 छात्राएं हैं। कुछ अन्य जिलों में इंटर में छात्राएं अधिक तो हैं, लेकिन बड़ा उलटफेर दिखाई नहीं पड़ता। कुछ जिले ऐसे भी हैं, जहां हाईस्कूल की तुलना में इंटर में छात्राएं घट गई हैं।
हरिद्वार जिले में हाईस्कूल में 6262 तो इंटर में 3035 छात्राएं हैं। रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत, ऊधमसिंहनगर ऐसे ही जिलों में सम्मिलित हैं।
शिक्षाविदों की चिंता का विषय हाईस्कूल में छात्राओं की संख्या कम होना है। इसे बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत का कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सरकारी विद्यालयों में छात्राओं की संख्या बढ़ाने को विशेष प्रयास करने को कहा गया है। अभिभावक हाईस्कूल के बाद इंटर में छात्राओं को सरकारी विद्यालयों में पढ़ाने को प्राथमिकता दे रहे हैं।