Uttarakhand Lockdown: भूखा न सोए कोई, सामर्थ्य के अनुसार जुटा है हर कोई
जरूरतमंदों की मदद को आगे आए लोगों ने प्रशासन को भोजन के 9482 पैकेट उपलब्ध कराए। इसके साथ ही राशन की 860 किट भी उपलब्ध कराई गई।
देहरादून, जेएनएन। दून के लोगों का दिल जरूरतमंदों के लिए जोरों से धड़क रहा है। कोई भूखा न सोए, इसके लिए हर कोई प्रयास में जुटा है। प्रशासन को सरकार ने जरूरतमंदों के भोजन की जिम्मेदारी सौंपी है, तो तमाम संगठनों ने मदद के हाथ बढ़ा दिए हैं।
शनिवार को ऐसे ही इंसानियत के रखवालों ने प्रशासन को भोजन के 9482 पैकेट उपलब्ध कराए। इसके साथ ही राशन की 860 किट भी उपलब्ध कराई गई। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि जरूरतमंदों की मदद करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस कड़ी में ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री (ओएलएफ), लोकायुक्त कार्यालय का नाम भी शामिल हो गया है। दूसरी तरफ हैप्पी मील से भी जुड़कर शनिवार को विभिन्न लोगों ने भोजन के 312 पैकेट व छह अन्नपूर्णा किट प्रशासन को सौंपी।
कोरोना से जंग को दिए दो करोड़
जिलाधिकारी ने कोरोना की जंग से लड़ने को संसाधन मुहैया कराने के लिए विभिन्न कार्यालयों को करीब दो करोड़ रुपये जारी किए। इसमें विभिन्न मेडिकल उपकरणों की खरीद को मुख्य चिकित्साधिकारी को 1.15 करोड़ रुपये, नगर निगम को सैनिटाइजेशन कार्यों के लिए 50 लाख, निराश्रित पशुओं के चारे को 15 लाख व जरूरतमंदों को राशन की किट बांटने के लिए पूर्ति कार्यालय को 15 लाख रुपये जारी किए गए।
मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 लाख रुपये देगा नगर निगम
प्रदेश में कोरोना संकट से निबटने के लिए देहरादून नगर निगम ने भी मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 लाख रुपये की सहायता धनराशि जमा कराने का निर्णय लिया है। महापौर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि 40 लाख रुपये नगर निगम बोर्ड फंड से जबकि 11 लाख रुपये कर्मचारियों के सहयोग से दिए जाने का निर्णय हुआ है। मुख्यमंत्री राहत कोष में सहायता राशि को लेकर भाजपा पार्षदों के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को महापौर गामा से मुलाकात की। पार्षद यह कह रहे थे कि निगम की ओर से हर साल जो 25-25 लाख का बजट वार्डो को दिया जाता है, उसमें से दो लाख प्रति वार्ड के हिसाब से दे दिया जाए लेकिन महापौर ने कहा यह सिर्फ कुछ ही पार्षदों की राय है।
कोरोना से जंग को ओएनजीसी ने दिए 300 करोड़ रुपये
कोरोना संक्रमण से लड़ने को देश की महारत्न कंपनी ओएनजीसी भी आगे आई है। ओएनजीसी ने अपने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिब्लिटी (सीएसआर) फंड से पीएम केयर्स में 300 करोड़ रुपये का योगदान किया है। ओएनजीसी के सीएमडी शशि शंकर ने कहा कि देश इस समय संकट से गुजर रहा है। इस समय ओएनजीसी का 30 हजार से अधिक लोगों का परिवार देश के साथ एकजुट होकर खड़ा है।
संस्थान के कार्मिकों ने अपने दो दिन के वेतन से 16 करोड़ रुपये जुटाकर पीएम केयर्स में दिए हैं। सीएमडी शशि शंकर ने कहा कि संकट की इस घड़ी में कोरोना को मात देने के लिए देश के लोग घरों में रहकर शारीरिक दूरी बनाए हुए हैं।
कोई भूखा न सोए ख्याल रखें कार्यकर्ता
लॉकडाउन के दौरान आमजन को कोई तकलीफ न हो, इसके लिए भाजपा नेतृत्व पूरी मुस्तैदी से जुटा है। इसी कड़ी में भाजपा के प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू और प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने शनिवार को फोन पर कॉन्फ्रेंसिंग कॉल के जरिये सांसदों, विधायकों, दायित्वधारियों के साथ ही प्रांतीय पदाधिकारियों, जिला व मंडल अध्यक्षों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने पार्टी द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। साथ ही पार्टीजनों से कहा कि राज्य में कोई भूखा न सोए और किसी को असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अजेंद्र अजय के अनुसार संवाद के दौरान प्रदेश प्रभारी जाजू ने कहा कि केंद्र सरकार बेहद सजगता और संवेदनशीलता के साथ कोरोना महामारी से पार पाने में जुटी हुई है।
ट्रकों के वर्कशॉप को मिली छूट
जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने पेट्रोल पंपों के निकट ट्रकों के वर्कशॉप को खोलने की अनुमति दी है। ताकि आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति में लगे ट्रकों के चक्के किसी भी खराबी पर जाम न हों। कृषि यंत्रों से संबंधित और कलपूर्जो से संबंधित प्रतिष्ठानों को भी छूट दे दी गई है।
छात्रों का सहारा बने डीएवी वॉरियर्स
लॉकडाउन के दौरान डीएवी कॉलेज के छात्र संघ पदाधिकारी हॉस्टल में रहने वाले छात्रों की मदद को आगे आए हैं। छात्रों की मदद के लिए डीएवी कॉलेज छात्र संघ अध्यक्ष निखिल शर्मा, पूर्व अध्यक्ष आदित्य चौहान, शुभम सिमल्टी, राहुल लारा, अजय कुमार आदि के नेतृत्व में सात टोलियों का गठन किया गया है। यह टोलियां प्रतिदिन अलग-अलग इलाकों में जाकर बाहर से पढ़ने आए छात्र-छात्रओं की मदद कर रही हैं। छात्र नेता निखिल शर्मा ने बताया कि जरूरतमंदों छात्रों की हरसंभव मदद की जा रही है, जिससे उन्हें इस लॉकडाउन में किसी भी तरह की दिक्कतों को सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि यह अभियान 15 अप्रैल तक चलाया जाएगा।
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कृषकों की समस्याओं को हेल्पलाइन नंबर जारी
प्रशासन ने कृषकों की किसी भी तरह की समस्या के समाधान के लिए आपदा प्रबंधन परिचालन केंद्र में हेल्पलाइन नंबर 0135-2729250 जारी किया है। कृषकों के लिए यह सेवा सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक काम करेगी।
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