Lockdown 4.0: उत्तराखंड में सरकारी दफ्तरों में 33 फीसद रहेगी उपस्थिति, इन प्रतिष्ठानों को छूट
सरकारी कार्यालयों में पहले की तरह क और ख श्रेणी में 100 फीसद की उपस्थिति जबकि ख और ग श्रेणी में 33 फीसद कर्मचारियों की उपस्थिति का नियम लागू रहेगा।
देहरादून, जेएनएन। सभी सरकारी कार्यालयों में पहले की तरह क और ख श्रेणी में 100 फीसद की उपस्थिति, जबकि ख और ग श्रेणी में 33 फीसद कर्मचारियों की उपस्थिति का नियम लागू रहेगा। शेष कार्मिक वर्क फ्रॉम होम की तर्ज पर काम करेंगे। हालांकि, आवश्यक सेवाओं से संबंधित प्रतिष्ठानों को इस नियम से छूट दी गई है। कार्मिकों को कार्यालय में बुलाने के लिए पूर्व की भांति मुख्य सचिव की गाइडलाइन का सख्ती से अनुपालन कराया जाएगा।
जिला प्रशासन के आदेश के अनुसार, सरकारी कार्यालयों में सिर्फ शासकीय कार्य किए जाएंगे। इस दौरान जनता को कार्यालय आने की अनुमति नहीं होगी। अगर उनकी कोई समस्या या सुझाव है तो वह पत्रचार के माध्यम से कार्यालय के बाहर बनाई गई शिकायत पेटिका में डाल सकते हैं। इसके अलावा उनके पास फोन या ईमेल के जरिये भी संवाद करने का विकल्प खुला है। सभी कार्यालय सुबह 10 बजे से अपरादृन चार बजे तक खोले जाएंगे और कार्मिकों को इस तरह एक-एक कर घर भेजा जाएगा कि जिससे भीड़ न हो।
निजी कार्यालय भी 33 फीसद स्टाफ के साथ चार बजे तक खुलेंगे
33 फीसद कार्मिकों की उपस्थिति का नियम निजी कार्यालयों पर भी लागू होगा। इस तरह के सभी कार्यालय सुबह 10 बजे से अपरादृन चार बजे तक खोले जाएंगे।
सभी राजस्व न्यायालय और जनाधार केंद्र रहेंगे बंद: कलेक्ट्रेट और तहसील स्तर पर सभी राजस्व न्यायालय व अभिलेखागार अग्रिम आदेश तक बंद रहेंगे। लॉकडाउन तक जनाधार केंद्र बंद रहेंगे और तहसील दिवस, जनता मिलन कार्यक्रम भी नहीं कराए जाएंगे।
अदालत परिसर में प्रवेश कम करने के लिए कमेटी गठित
अदालत परिसर में भीड़ पर अंकुश लगाने और लोगों के प्रवेश को कम करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी ग्राउंड लेवल पर स्थिति के सभी पहलुओं पर विचार कर 23 मई तक रिपोर्ट देगी। मंगलवार को जिला जज प्रशांत जोशी की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव और डीआइजी अरुण मोहन जोशी मौजूद रहे। अदालत परिसर में प्रवेश करने के लिए आठ मुख्य मार्ग, जबकि कुछ अन्य रास्ते भी हैं। अदालत परिसर में भीड़ पर अंकुश लगाने और अदालत परिसर में लोगों के प्रवेश को कम करने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में एसपी ट्रैफिक, एसडीएम सदर और अनिल शर्मा सचिव बार एसोसिएशन सदस्य होंगे। समिति 23 मई तक ग्राउंड लेवल पर जांच कर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
निरंजनपुर मंडी में अब नहीं बनाए जाएंगे पास
निरंजनपुर मंडी में नई व्यवस्थाएं लागू होने के बाद से स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में आ गई है। मंडी में अब भीड़ कम है और शारीरिक दूरी के नियम का भी पालन कराया जा रहा है। स्थिति को नियंत्रण में रखने को मंडी समिति ने नए पास बनाने बंद कर दिए हैं। अब तक कुल 2200 पास जारी किए जा चुके हैं और अब केवल इन्हें ही रोटेशन में प्रवेश मिलेगा।
मंगलवार को निरंजनपुर मंडी में भीड़ सामान्य से कम रही और सख्ती के बाद दुकानों में भी शारीरिक दूरी का अनुपालन कराया जाने लगा है। वाहन भी केवल ईवन संख्या वाले ही मंडी आए। मंडी समिति के सचिव विजय थपलियाल ने बताया कि मंडी में भीड़ नियंत्रित करने को तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। अब परिसर में काफी हद तक स्थिति काबू में है। हालांकि, शारीरिक दूरी के पालन को सभी व्यापारियों और वेंडरों को कड़े निर्देश दिए गए हैं। बताया कि मंडी अध्यक्ष राजेश शर्मा के निर्देश पर पास बनाने की प्रक्रिया बंद कर दी गई है। अब तक कुल 2200 गेट पास जारी किए जा चुके हैं। अब केवल इन्हीं 2200 वेंडरों को प्रवेश दिया जाएगा। इन्हें रोटेशन में मंडी में प्रवेश देने के साथ एक घंटे का समय निर्धारित किया गया है।
आज ईवन नंबर के वाहनों को एंट्री
मंडी में मंगलवार को ऑड नंबर के वाहनों को प्रवेश दिया गया। इस दौरान वाहन चालकों को मास्क और सेनिटाइजर के प्रयोग को जागरूक किया गया। बुधवार को ईवन नंबर के वाहन मंडी में प्रवेश करेंगे।
मालदेवता और डांडा लखौंड में खुलेगी मिनी मंडी
मंडी समिति मालदेवता और डांडा लखौंड में मिनी मंडी शुरू करने की योजना बना रही है। मिनी मंडी का उद्देश्य क्षेत्रवासियों को उचित दाम पर क्षेत्र में फल-सब्जी उपलब्ध कराना है। मंगलवार को मंडी समिति के अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच लोगों को पर्याप्त और उचित दाम पर फल-सब्जी उपलब्ध कराना मंडी समिति का दायित्व है। इसी क्रम में मालदेवता और डांडा लखौंड में मिनी मंडी शुरू करने की तैयारी है। बताया कि उक्त क्षेत्र में लोगों को फल-सब्जी के लिए काफी दूर जाना पड़ता है।
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