Move to Jagran APP

आध्यात्मिक शांति के लिए सबसे अनुकूल है देवभूमि उत्तराखंड

श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर स्वामी हरि चैतन्य महाप्रभु का कहना है कि देवभूमि उत्तराखंड आध्यात्मिक शांति के लिए बेहद अनुकूल जगह है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 03 Feb 2018 02:08 PM (IST)Updated: Sat, 03 Feb 2018 10:42 PM (IST)
आध्यात्मिक शांति के लिए सबसे अनुकूल है देवभूमि उत्तराखंड
आध्यात्मिक शांति के लिए सबसे अनुकूल है देवभूमि उत्तराखंड

loksabha election banner
v style="text-align: justify;">देहरादून, [जेएनएन]: श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर स्वामी हरि चैतन्य महाप्रभु ने कहा कि देवभूमि में जन्म लेना गर्व की बात है। यहां एक ओर जीवनदायिनी गंगा है तो दूसरी ओर पंचकेदार, हेमकुंड साहिब, सतोपंथ जैसे तीर्थस्थल भी हैं। उत्तराखंड आध्यात्मिक शांति के लिए सबसे अनुकूल है। हिमालय जैसी शांति कहीं और नहीं मिल सकती। कहा कि अध्यात्म और संस्कृति भारत की ताकत है। आज पूरे विश्व ने भारतीय योग की परंपरा को अपनाया है। जल्द ही देश पूरे विश्व में आध्यात्मिक गुरु की भूमिका निभाएगा। 
देहरादून में आयोजित धर्म संसद में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे स्वामी हरि चैतन्य महाप्रभु ने कहा कि युवाओं को जीवन में निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति का प्रण लेना चाहिए। साथ ही इसके लिए अभी से जुट जाना चाहिए। हाल ही में दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में आयोजित महासम्मेलन में हिस्सा लेकर लौटे महाप्रभु ने अपने अनुभव भी साझा किए। कहा कि पर्वत को भले ही सबसे ऊंचा समझा जाता है, लेकिन उसका जन्म भी धरती के गर्भ से ही होता है। 
इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भारतीय संतों के विचारों से विश्व सदैव प्रेरित हुआ है। पहले स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में भारतीय संस्कृति और अध्यात्म की अमिट छाप छोड़ भारत को विश्व पटल पर पहचान दिलाई थी। अब हरि चैतन्य महाप्रभु ने सियोल की धरती पर जाकर विश्व शांति का संदेश दिया। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने हरि चैतन्य महाप्रभु का स्वागत किया। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.