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उत्तराखंड: फायर लाइनों की सफाई को केंद्र में देंगे दस्तक, पर्वतीय क्षेत्र में लाइनों पर जगह-जगह उग आए पेड़

उत्तराखंड में मौसम की मेहरबानी से भले ही जंगल की आग बुझ गई हो लेकिन निकट भविष्य के लिए यह चुनौती बरकरार है। इसे देखते हुए सरकार ने वनों की आग पर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली फायर लाइनों को दुरुस्त रखने की ठानी है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 28 May 2021 06:00 PM (IST)Updated: Fri, 28 May 2021 10:38 PM (IST)
उत्तराखंड: फायर लाइनों की सफाई को केंद्र में देंगे दस्तक, पर्वतीय क्षेत्र में लाइनों पर जगह-जगह उग आए पेड़
फायर लाइनों की सफाई को केंद्र में देंगे दस्तक।

 राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में मौसम की मेहरबानी से भले ही जंगल की आग बुझ गई हो, लेकिन निकट भविष्य के लिए यह चुनौती बरकरार है। इसे देखते हुए सरकार ने वनों की आग पर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली फायर लाइनों को दुरुस्त रखने की ठानी है। हालांकि, इसकी राह में दिक्कतें भी कम नहीं हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में फायर लाइनों में पेड़ उग आए हैं, लेकिन एक हजार मीटर से ऊपर पेड़ों की कटाई-छंटाई पर प्रतिबंध है। इस परिदृश्य के बीच अब राज्य सरकार केंद्र में दस्तक देने जा रही है। 

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उत्तराखंड में जंगल की आग एक बड़ी आपदा के रूप में सामने आई है। ताजा तस्वीर देखें तो पिछले साल अक्टूबर से ही जंगल सुलग रहे हैं। हालांकि, अब बारिश-बर्फबारी के बाद आग बुझ चुकी है, लेकिन चुनौती बनी हुई है। आग पर नियंत्रण के लिए संसाधनों की उपलब्धता के साथ ही फायर लाइनों को साफ रखने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। फायर लाइनें जंगल में बनाए एक प्रकार के चौड़े रास्ते हैं, जिन्हें साफ रखकर आग को एक से दूसरे हिस्से में जाने से रोका जाता है। यह तरीका बेहद कारगर भी है।

फायर लाइनों के नजरिये से देखें तो प्रदेशभर के जंगलों में 14 हजार किलोमीटर लंबी फायर लाइनें अस्तित्व में हैं। ऐेसे प्रश्न उठना लाजिमी है कि जब फायर लाइनें हैं तो आग पर नियंत्रण क्यों नहीं हो पा रहा। इसे लेकर वन महकमे ने पड़ताल कराई तो बात सामने आई कि पर्वतीय क्षेत्रों में फायर लाइनों में जगह-जगह पेड़ उग आए हैं। हजार मीटर से ऊपर पेड़ कटान पर प्रतिबंध के कारण इनकी कटाई-छंटाई नहीं हो पा रही है। सूरतेहाल, वहां फायर लाइनों को साफ रखना बेहद चुनौतीभरा है।वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत के अनुसार इस समस्या के निदान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। 

उन्होंने बताया कि वह केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री को पत्र भेजकर यह आग्रह करने जा रहे हैं कि वनों को बचाने के लिए फायर लाइनों पर उगे पेड़ों की कटाई-छंटाई की अनुमति राज्य को दी जाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस मसले का जल्द समाधान हो जाएगा। रावत के अनुसार परिस्थितियां सामान्य होने पर वह केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री से मुलाकात करने दिल्ली जाएंगे।

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