उत्तराखंड को मिली दो हजार रेमडेसिविर और 25 टोसीलीजुमैब, प्लाज्मा डोनेशन एप भी तैयार
उत्तराखंड को केंद्र से दो हजार रेमडेसिविर और 25 टोसीलीजुमैब प्राप्त हो गई हैं। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को 100 और टोसीलीजुमैब की स्वीकृति प्रदान की है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने एक प्लाज्मा डोनेशन एप भी बनाया है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड को केंद्र से दो हजार रेमडेसिविर और 25 टोसीलीजुमैब प्राप्त हो गई हैं। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को 100 और टोसीलीजुमैब की स्वीकृति प्रदान की है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने एक प्लाज्मा डोनेशन एप बनाया है। इसके जरिये अभी तक 95 हजार व्यक्तियों से प्लाज्मा दान करने की अपील की जा चुकी है। इसके साथ ही ई-संवीजनी एप के माध्यम से लोग कहीं से भी स्वास्थ्य संबंधी परामर्श ले सकते हैं।
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि प्रदेश में कोरोना की ट्रांसमिशन चेन को तोड़ने की आवश्यकता महसूस हो रही है। इसी कारण विभिन्न जिलों में कर्फ्यू की अवधि भी बढ़ाई गई है। विभाग ने संक्रमण पर रोक लगाने को पांच चरणों की प्रक्रिया अपनानी शुरू की हे। इसमें टेस्टिंग, ट्रेसिंग, आइसोलेशन, ट्रीटमेंट और वैक्सीनेशन शामिल है।
कंटेनमेंट जोन बनाकर प्रयास किया जा रहा है कि संक्रमण एक विशेष क्षेत्र में सिमट जाए। शासन ने ई-संजीवनी का भी दायरा बढ़ाया है। मकसद यह कि लोग कहीं से सभी इस एप के जरिये स्वास्थ्य संबंधी परामर्श ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा डोनेशन एप के जरिये स्वस्थ हो चुके व्यक्तियों से अपील की जा रही है कि वे प्लाज्मा दान कर दूसरों की जान बचाने में मदद करें।
सचिव स्वास्थ्य पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि रेमडेसिवीर इंजेक्शन का लगातार वितरण जारी है। सोमवार को भी 2000 इंजेक्शन मिले हैं। अभी तक 20 हजार से अधिक इंजेक्शन उत्तराखंड को मिल चुके हैं। केंद्र ने उत्तराखंड को 125 टोसीलीजुमैब भी स्वीकृत की हैं। इसमें से 25 उत्तराखंड पहुंच चुकी हैं। शेष की आपूर्ति के लिए कंपनी से लगातार बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि रेमडेसिवीर इंजेक्शन के उपयोग पर अब अस्पतालों और मेडिकल स्टोर से भी रिकार्ड मांगा जा रहा है। मकसद यह देखना है कि ये इंजेक्शन सही मायनों में जरूरतमंद को प्राप्त हो रहे हैं।
115 स्थानों पर दबिश, चार मुकदमें कायम
पुलिस महानिरीक्षक अमित सिन्हा ने बताया कि दवा व स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों की कालाबाजारी को लेकर मिली शिकायतों के आधार पर 115 स्थानों पर दबिश दी गई है। इनमें चार मुकदमें दर्ज किए गए हैं और छह व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गई है। उन्होंने बताया कि एक स्थान पर रेमडेसिवीर इंजेक्शन किसी मरीज के नाम पर अन्य को दिया जा रहा था। इस प्रकार निर्धारित कीमत से अधिक पर आक्सीमीटर बेचने और आरटीपीसीआर टेस्ट करने का मामला भी पकड़ा गया है।
विभाग की अपील, लक्षण हैं तो जरूर कराएं टेस्ट, लें दवा
स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्रदेशवासियों से अपील की है कि यदि किसी को कोरोना के थोड़े भी लक्षण नजर आते हैं तो जरूर टेस्ट कराएं और दवा खानी शुरू करें। सचिव स्वास्थ्य डा. पंकज कुमार पांडेय ने कहा कि देखने में आया है कि जो व्यक्ति समय पर अस्पताल नहीं आए और समय पर दवा नहीं ली तो उनके मामले गंभीर हो रहे हैं। गंभीर होने के बाद लोग अस्पताल आ रहे हैं और आक्सीजन का स्तर 70 से नीचे जा रहा है, इससे मरीज के ठीक होने में मुश्किल हो रही है।
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