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शवदाह के लिए निश्शुल्क लकड़ी मुहैया कराएगा उत्तराखंड वन निगम

कोरोना संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले व्यक्तियों के शवदाह के लिए उत्तराखंड वन विकास निगम निश्शुल्क जलौनी लकड़ी उपलब्ध कराएगा। वन एवं पर्यावरण मंत्री डा.हरक सिंह रावत के अनुसार इस संबंध में गुरुवार को आदेश भी जारी कर दिए जाएंगे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 12:41 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 12:41 PM (IST)
शवदाह के लिए निश्शुल्क लकड़ी मुहैया कराएगा उत्तराखंड वन निगम
कोरोना के कारण जान गंवाने वाले व्यक्तियों के शवदाह के लिए उत्तराखंड वन विकास निगम निश्शुल्क लकड़ी उपलब्ध कराएगा।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। कोरोना संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले व्यक्तियों के शवदाह के लिए उत्तराखंड वन विकास निगम निश्शुल्क जलौनी लकड़ी उपलब्ध कराएगा। वन एवं पर्यावरण मंत्री डा.हरक सिंह रावत के अनुसार इस संबंध में गुरुवार को आदेश भी जारी कर दिए जाएंगे। प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़ा है। ऐसे में कई जगह शवदाह गृहों में शवदाह के लिए जलौनी लकड़ी की कमी की बातें सामने आने लगी हैं। हालांकि, जलौनी लकड़ी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए शासन ने वन विकास निगम के महाप्रबंधक को राज्य का नोडल अधिकारी नामित किया है।

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निगम के प्रदेश में स्थित विक्रय व फुटकर डिपो और टाल से शवदाह के लिए लकड़ी उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन इसके लिए निर्धारित शुल्क चुकाना पड़ रहा है। कैबिनेट मंत्री डा.हरक सिंह रावत के अनुसार अब सरकार ने निर्णय लिया है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर शवदाह के लिए जलौनी लकड़ी निश्शुल्क मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बुधवार को इससे संबंधित फाइल अनुमोदित कर दी है।

जीएमवीएन ऋषिकेश के कोविड अस्पताल को 11 करोड़ जारी

राज्य ब्यूरो, देहरादून: शासन ने ऋषिकेश में गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) में कोविड उपचार को बनाए गए 500 बेड के अस्थायी अस्पताल के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 11 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। इसका संचालन एम्स, ऋषिकेश के द्वारा किया जा रहा है। शासन ने कुछ समय पहले राज्य आपदा मोचन निधि के जरिये ऋषिकेश के जीएमवीएन में बनाए गए अस्थायी कोविड अस्पताल के लिए 11 करोड़ रुपये जारी करने का निर्णय लिया था। जब इसमें कार्यवाही आगे बढ़ी तो पता चला कि राज्य आपदा मोचन निधि के मानकों में यह फिट नहीं बैठ रहा है। ऐसे में एम्स, ऋषिकेश ने स्वास्थ्य महानिदेशालय को पत्र लिखकर अन्य मद से इस राशि को जारी करने का अनुरोध किया। इस पर शासन ने अस्थायी चिकित्सालय के संचालन के लिए मानव श्रम मद में मुख्यमंत्री राहत कोष से 11 करोड़ की राशि एम्स, ऋषिकेश के लिए जारी कर दी है।

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