उत्तराखंड की इस सीट का रोचक है इतिहास, यहां हार में बदल गई थी तीन वोटों से मिली जीत
Uttarakhand Election 2022 नरेंद्रनगर सीट पर घटी उस घटना को शायद ही लोग कभी भूल पाए होंगे जिसने तीन वोट से मिली जीत को हार में बदल दिया था। आप भी नरेंद्र नगर सीट के इस रोचक इतिहास के बारे में जानिए।
हरीश तिवारी, ऋषिकेश। Uttarakhand Election 2022 वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में नरेंद्रनगर सीट पर घटी उस घटना को शायद ही लोग कभी भूल पाए होंगे, जिसने तीन वोट से मिली जीत को हार में बदल दिया था। इस चुनाव में कांग्रेस की ओर से सुबोध उनियाल, भाजपा की ओर से लाखीराम जोशी और उक्रांद प्रत्याशी के रूप में ओम गोपाल रावत सहित दस प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
चुनाव में प्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस और भाजपा के बीच ही मुख्य मुकाबला समझा जा रहा था। मतदान के बाद जिला मुख्यालय में मतगणना शुरू हुई। देर रात मतगणना जब अंतिम सोपान पर थी, तब कांग्रेस प्रत्याशी सुबोध उनियाल बढ़त हासिल कर सबसे आगे चल रहे थे। स्वयं को हारा हुआ मानकर उक्रांद प्रत्याशी ओम गोपाल रावत मतगणना केंद्र छोड़कर जा चुके थे।
उनके बाद भाजपा प्रत्याशी लाखीराम जोशी ने भी यह जगह छोड़ दी थी। लाखीराम जोशी को 11808 मतों के साथ तीसरे नंबर पर पहुंच गए थे। मतगणना केंद्र छोड़ने के बाद भाजपा प्रत्याशी ने कुछ दूर पहुंचने पर ओम गोपाल रावत को बताया कि वह नजदीकी मुकाबले में हैं। कांग्रेस प्रत्याशी सुबोध उनियाल की मात्र तीन वोट से बढ़त है। इसके बाद ओम गोपाल मतगणना केंद्र वापस लौटे और फिर से मतगणना की मांग उठा दी। कुछ देर हंगामे के बाद वहां मौजूद रिटर्निंग आफिसर मेहरबान सिंह बिष्ट को दोबारा मतगणना करानी पड़ी।
कांग्रेस प्रत्याशी जो तीन मतों से चुनाव जीत रहे थे, दोबारा हुई मतगणना में ओम गोपाल से मात्र चार मतों से हार गए। निर्वाचन अधिकारी ने प्रमाणपत्र जारी करने में कोई विलंब नहीं किया और तत्काल विजेता को प्रमाण पत्र जारी कर दिया। इस चुनाव में ओम गोपाल को 13729 व सुबोध उनियाल को 13725 मत मिले थे। 14 साल बाद इस सीट पर एक बार फिर सुबोध उनियाल भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में है। भाजपा से विद्रोह कर ओम गोपाल रावत अब कांग्रेस में जाने की घोषणा कर चुके हैं।
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