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जानिए क्यों उत्तराखंड के 30 मतदान केंद्रों पर चुनाव कराना है टेढ़ी खीर, कौन-कौन सी चुनौतियां हैं सामने

Uttarakhand Election 2022 चकराता विधानसभा के बर्फबारी प्रभावित इलाकों में चुनाव कराना निर्वाचन आयोग के लिए आसान नहीं होगा। विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते विधानसभा क्षेत्र के 30 मतदान केंद्रों पर चुनाव कराना पूरी तरह मौसम पर निर्भर रहेगा।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 12:19 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 12:19 PM (IST)
जानिए क्यों उत्तराखंड के 30 मतदान केंद्रों पर चुनाव कराना है टेढ़ी खीर, कौन-कौन सी चुनौतियां हैं सामने
जानिए क्यों उत्तराखंड के 30 मतदान केंद्रों पर चुनाव कराना है टेढ़ी खीर। फाइल फोटो

चंदराम राजगुरु, चकराता। Uttarakhand Election 2022 जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर की चकराता विधानसभा के बर्फबारी प्रभावित इलाकों में चुनाव कराना निर्वाचन आयोग के लिए आसान नहीं होगा। विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते विधानसभा क्षेत्र के 30 मतदान केंद्रों पर चुनाव कराना पूरी तरह मौसम पर निर्भर रहेगा। हालांकि, इसके लिए स्थानीय पुलिस-प्रशासन ने अपने स्तर से तैयारी की है। बर्फ हटाने के लिए स्नोकटर लगाए गए हैं। अब देखना ये होगा कि यहां चुनाव के समय परिस्थितियां कैसी रहती हैं।

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देहरादून जिले की चकराता विधानसभा सीट पर्वतीय श्रेणी में आती है। हाल ही के दिनों में चकराता क्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाकों में हुई भारी बर्फबारी के चलते जौनसार बावर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले चकराता-त्यूणी राष्ट्रीय राजमार्ग समेत अन्य संपर्क मार्गों पर आवागमन ठप हो गया। लोखंडी क्षेत्र में हाइवे पर कई किमी दूर तक सड़क ने पूरी तरह बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली। हाइवे से बर्फ हटाने को लगी लोनिवि एनएच खंड की दो जेसीबी व एक स्नो कटर को मार्ग खोलने में पांच दिन का समय लगा।

अगर आगे भी मौसम ऐसा ही रहा तो निर्वाचन आयोग के लिए चकराता सीट के बर्फबारी प्रभावित ऊंचे इलाकों में मतदान कराना आसान नहीं होगा। इस बार स्थानीय प्रशासन ने चकराता में विधानसभा चुनाव के लिए कुल 230 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां पिछले बार के मुकाबले 14 मतदान केंद्र नए बने हैं। इनमें 30 मतदान केंद्र बर्फबारी प्रभावित हैं। तीन से सात हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित बर्फबारी प्रभावित इन मतदान केंद्रों पर चुनाव कराना पूरी तरह मौसम के मिजाज पर निर्भर रहेगा। स्थानीय पुलिस प्रशासन टीम को चकराता विधानसभा क्षेत्र में शांतिपूर्ण मतदान के साथ बर्फबारी प्रभावित केंद्रों में चुनाव कराने के लिए मौसम की चुनौती से भी निपटना होगा।

अगर फरवरी में मौसम का मिजाज फिर बदला तो निर्वाचन आयोग के लिए बर्फबारी वाले इन मतदेय स्थलों तक पोलिंग पार्टियां पहुंचाने की बड़ी चुनौती होगी। जैसे-तैसे पोलिंग पार्टियां पहुंच भी गई तो हिमाच्छादित ग्रामीण इलाकों में रह रहे सैकड़ों मतदाता वोट डालने के लिए मतदान केंद्र तक आसानी से नहीं पहुंच पाएंगे। इस दोहरी चुनौती से निपटने के लिए पुलिस-प्रशासन की टीम को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

हालांकि, निर्वाचन कार्य में लगा स्थानीय प्रशासन इन सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार कर रहा है। ताकि यहां चुनाव की प्रक्रिया को ठीक से संपन्न कराया जा सके। चकराता के रिटर्निंग अधिकारी एसडीएम सौरभ असवाल ने बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देश पर चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न कराने को तैयारी पूरी कर ली गई हैं।

बर्फबारी प्रभावित मतदान केंद्र

प्यूनल, सैंज, डिरनाड़, डूंगरी, पेनुवा, सारनी, फनार, भूठ, भटाड़, डांगूठा, कांडोई-भरम, उदांवा, गोरछा, बिनसोन, हरटाड-संताड, रजाणू, कुनैन, जगथान, बुरायला, लोहारी, लेबरा, जाडी, इंद्रौली, बनियाना, खाटुवा आदि।

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