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छह सीटों पर कांग्रेस ने पीछे खींचे हाथ, सल्ट को लेकर रणजीत के रुख पर टिकी नजर; यहां से कटा टिकट

Uttarakhand Election 2022 कांग्रेस ने छह सीटों पर हाथ पीछे खींच लिए। पहली सूची के दो दिन बाद जारी दूसरी सूची में कांग्रेस में वापसी करने वाले हरक सिंह को टिकट की दौड़ से बाहर रखा गया है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 09:25 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 09:25 AM (IST)
छह सीटों पर कांग्रेस ने पीछे खींचे हाथ, सल्ट को लेकर रणजीत के रुख पर टिकी नजर; यहां से कटा टिकट
छह सीटों पर कांग्रेस ने पीछे खींचे हाथ, सल्ट को लेकर रणजीत के रुख पर टिकी नजर।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Election 2022 सल्ट समेत छह सीटों पर टिकट तय करने से कांग्रेस ने हाथ पीछे खींच लिए। पहली सूची के दो दिन बाद जारी दूसरी सूची में कांग्रेस में वापसी करने वाले हरक सिंह को टिकट की दौड़ से बाहर रखा गया है। हालांकि अभी चौबट्टाखाल सीट पर प्रत्याशी तय नहीं किया गया, उसके पीछे हरक सिंह को बड़ा कारक माना जा रहा है। अब तीसरी और अंतिम सूची घोषित होते ही यह तस्वीर भी तकरीबन साफ हो जाएगी कि टिकटों की इस पूरी कवायद में आखिरकार बड़ी बाजी किसके हाथ लगी है।

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कांग्रेस ने छह सीटों सल्ट, टिहरी, नरेंद्रनगर, चौबट्टाखाल, हरिद्वार ग्रामीण और रुड़की के टिकट दूसरी सूची में भी घोषित नहीं किए हैं। माना जा रहा था कि रामनगर सीट पर टिकट तय होने के साथ ही सल्ट पर भी तस्वीर साफ होगी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। दूसरी सूची जारी होने के साथ अब सीटों और टिकटों को लेकर एक-दूसरे दलों को लेकर तैयार किया गया तिलिस्म लगभग समाप्त हो गया है। अब पार्टी के सामने आंतरिक खींचतान को साधने की चुनौती जरूर है।

सल्ट सीट

इस सीट पर प्रत्याशी का फैसला अटका हुआ है। रामनगर से टिकट कटने की स्थिति में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत को यहीं से पार्टी का टिकट मिल सकता है। इस सीट पर हरीश रावत के समर्थकों में शुमार गंगा पंचोली पिछला चुनाव और फिर उपचुनाव दोनों लड़ चुकी हैं। उनकी टिकट पर दावेदारी बरकरार है। इसे तब ही चुनौती मिल सकती है, जब रणजीत रावत खुद इस सीट से लडऩे पर हामी भर दें। ऐसा नहीं होने की स्थिति में सल्ट और रामनगर दोनों सीटों पर विवाद बढ़ता दिखाई दे सकता है।

नरेंद्र नगर

कांग्रेस इस सीट पर भाजपा के बागी ओमगोपाल को टिकट दे सकती है। ओमगोपाल भाजपा से टिकट नहीं मिलने के कारण नाराज हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल से दिल्ली में मुलाकात भी कर चुके हैं। इस सीट कांग्रेस का टिकट उन्हें मिलना तय माना जा रहा है।

टिहरी

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की वजह से इस सीट पर टिकट फंसा हुआ है। पार्टी इस मामले में किशोर उपाध्याय की ओर से हामी भरने का इंतजार कर रही है तो कुछ दिन पहले पार्टी के तमाम पदों से वंचित किए गए किशोर ने भी ऐसे संकेत नहीं दिए कि उनकी नाराजगी दूर हुई है। यह सीट भाजपा ने भी रिक्त छोड़ी है। इस वजह से यह सीट भी अब हाट है।

चौबट्टाखाल

इस सीट से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी राजपाल सिंह व पार्टी से अन्य चेहरे टिकट मिलने की प्रत्याशा में हैं। इस सीट पर भाजपा ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को फिर प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में कांग्रेस ने इस सीट पर मुकाबले को ज्यादा कड़ा करने का मन बनाया तो वह हरक सिंह रावत को इस सीट से चुनाव लड़ाने पर विचार कर सकती है। रणनीतिक कारणों से ही इस पर अंतिम क्षणों में फैसला लिया जाएगा।

हरिद्वार ग्रामीण

हरिद्वार ग्रामीण सीट पर टिकट का मसला फंस गया है। बताया जा रहा है कि इस सीट पर टिकट के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पुत्री अनुपमा की भी टकटकी लगी है। हालांकि पार्टी ने एक परिवार से एक टिकट के फार्मूले को ही अपनाया तो फिर अनुपमा की राह मुश्किल हो सकती है। बसपा से बीते दिनों कांग्र्रेस में शामिल हुए कुछ नेताओं को भी टिकट की दौड़ में बताया जा रहा है।

रुड़की सीट

रुड़की की सीट पर कांग्रेस ने प्रत्याशियों के लिए दोबारा सर्वे कराया है। इस सीट दो से ज्यादा दावेदारों के बीच टिकट को लेकर टक्कर है। इस सीट पर पार्टी नेताओं के बीच असहमति भी दिखाई दी है।

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