जानें- कौन सा विवाद है, जिसे लेकर पहले कांग्रेस उत्तराखंड सरकार तो अब भाजपा होगी हरक सिंह पर हमलावर
Uttarakhand Election 2022 कर्मकार कल्याण बोर्ड (Uttarakhand Karmkar Board Controversy) का जिन्न चुनाव में एक बार फिर बाहर निकलने जा रहा है। माना जा रहा है कि बोर्ड के विवादित फैसलों को लेकर भाजपा सरकार अब पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को घेरेगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Election 2022 उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (Uttarakhand Karmkar Board Controversy) का जिन्न चुनाव में एक बार फिर बाहर निकलने जा रहा है। माना जा रहा है कि बोर्ड के विवादित फैसलों को लेकर भाजपा सरकार अब पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को घेरेगी।
भाजपा सरकार (BJP Government) ने दो साल पहले उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से श्रम मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) को हटाकर उनकी जगह शमशेर सिंह सत्याल को यह जिम्मा सौंपा था। इसके बाद सत्याल की अध्यक्षता वाला बोर्ड अक्टूबर 2020 से लगातार सुर्खियों में रहा। इसी दौरान पिछले बोर्ड के कार्यकाल में साइकिल वितरण में गड़बड़ी का मामला खूब उछला तो बोर्ड से कोटद्वार में ईएसआइ अस्पताल के लिए 20 करोड़ की राशि बतौर ऋण के रूप में दिए जाने का मामला भी छाया रहा। तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार ने बोर्ड से ऋण देने के प्रकरण की एक आइएएस से जांच कराई। इसकी जांच रिपोर्ट पहले ही शासन को सौंपी जा चुकी है, जिसमें चार कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई थी। हालांकि, यह मसला अभी लंबित है।
पिछले वर्ष मार्च में सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद जब बोर्ड के सचिव पद पर हरिद्वार की उपश्रमायुक्त की नियुक्ति की गई तो सचिव और सत्याल के बीच लगातार टकराव बना रहा। सचिव ने पूर्व में उपनल के माध्यम से बोर्ड में रखे गए चार कर्मियों को वापस किया तो सत्याल ने इस पर नाराजगी जताई। बाद में सत्याल की अध्यक्षता में हुई बोर्ड की बैठक में सचिव को हटाने का प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजा गया।
इसके साथ ही उन बैंकों को भी इस बारे में पत्र भेजे गए, जिनमें बोर्ड के खाते संचालित हैं। यद्यपि, तब शासन ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया था। कर्मकार कल्याण बोर्ड में विवाद के बाद नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षा (कैग) ने बोर्ड के कामकाज का आडिट किया। इसके बाद कैग ने आडिट आपत्तियों के संबंध में बोर्ड से जवाब मांगे तो उत्तर देने में भारी हीलाहवाली बरती गई। बाद में शासन ने इस सख्त रुख अपनाया और फिर बोर्ड ने आनन-फानन कैग को जवाब भेजे। इससे हरक सिंह रावत काफी नाराज भी रहे।
मौजूदा सरकार में आखिरकार हरक सिंह रावत सत्याल को हटाने में सफल रहे। हालांकि, हरक सिंह रावत के श्रम मंत्री के रूप में बोर्ड अध्यक्ष रहते हुए लिए गए उनके फैसलों पर काफी किरकिरी भी हुई। माना जा रहा है कि अब हरक को भाजपा से निष्कासित कर दिए जाने के बाद की बदली परिस्थितियों में विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Chunav 2022) में एक बार फिर उनके विवादित फैसलों को उनके खिलाफ मुद्दों की शक्ल में उछाला जा सकता है।
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