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कांग्रेस के दिग्गज लिखित में बताएंगे पसंदीदा दावेदारों के जीत के दावे, जानिए किन 28 सीटों पर फंसा है पेच

Uttarakhand Election 2022 टिकट तय करने में विफल रहे कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को ठंड में पसीना बहाना पड़ रहा है।सीईसी की हिदायत के बाद टिकट तय कराने दिल्ली में मौजूद प्रदेश के नेता अपने पसंदीदा दावेदारों को टिकट देने और जीतने के दावे के कारण लिखित में बताएंगे। इ

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 02:43 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 02:43 PM (IST)
कांग्रेस के दिग्गज लिखित में बताएंगे पसंदीदा दावेदारों के जीत के दावे, जानिए किन 28 सीटों पर फंसा है पेच
राजपुर रोड स्थित कांग्रेस भवन में टिकटों को लेकर चर्चा करते कार्यकर्त्ता। जागरण

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Election 2022 आम सहमति से टिकट तय करने में विफल रहे कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को ठंड में पसीना बहाना पड़ रहा है। केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की हिदायत के बाद टिकट तय कराने दिल्ली में मौजूद प्रदेश के नेता अपने पसंदीदा दावेदारों को टिकट देने और जीतने के दावे के कारण लिखित में बताएंगे। इसमें लग रहे समय को देखते हुए रविवार को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक टाल दी गई। 

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प्रदेश की 70 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों के चयन को लेकर दिल्ली में मंथन जारी है। पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय की अध्यक्षता में गठित प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी ने लगातार तीन दिन तक विधानसभा क्षेत्रवार टिकट तय करने के लिए मशक्कत की। बैठकों में पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल शामिल रहे हैं।

जिसके दावे में होगा दम उसकी झोली में टिकट

जिन सीटों पर सहमति से एक प्रत्याशी का चयन नहीं हो सका है, स्क्रीनिंग कमेटी ने उनके लिए दो या तीन दावेदारों का पैनल तैयार किया है। बीते शनिवार स्क्रीनिंग कमेटी ने इस पैनल को सीईसी की बैठक में रखा। पैनल पर चर्चा के दौरान सीईसी के सहमति बनाने के प्रयास सफल नहीं हुए थे। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह अपने-अपने दावेदारों के पक्ष में अड़ गए। सूत्रों के अनुसार दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की ओर से टिकट के लिए की जा रही पैरवी पर भी आपत्ति जताई। इस कारण जिन सीटों पर सहमति बनती दिख रही थी, उनमें भी पेच फंस गया है। ऐसी सीटों की संख्या 20 से 28 तक पहुंच गई। इसके बाद सीईसी ने पैनल स्क्रीनिंग कमेटी को लौटा दिया था।

सहमति नहीं बनने पर सुनाया हाईकमान ने आदेश

सहमति में अड़ंगा लगने से नाराज केंद्रीय नेतृत्व ने दावेदारों के समर्थन के लिए लिखित में कारण बताना अनिवार्य कर दिया है। अब जिसके दावे में दम होगा और जो दावेदार को स्थानीय समीकरण के अनुसार जिताऊ साबित कर सकेगा, टिकट उसी की झोली में जाएगा। लिखित में यह ब्योरा सीईसी के समक्ष रखा जाएगा। इस पर सीईसी अपना निर्णय सुनाएगी। केंद्रीय नेतृत्व के फरमान के बाद अब दोनों पक्ष टिकट के दावेदारों के समर्थन में लिखित में ब्योरा दे रहे हैं। इसमें लग रहे समय को देखते हुए रविवार को दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक टाल दी गई। अब यह बैठक सोमवार को होगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने संभावित प्रत्याशियों के बारे में लिखित में विवरण जुटाने में व्यस्त रहे।

इन 28 सीटों पर फंसा है पेच

सहसपुर, देहरादून कैंट, रायपुर, डोईवाला, मसूरी, ऋषिकेश, टिहरी, धनोल्टी, घनसाली, पुरोला, यमुनोत्री, पौड़ी, लैंसडौन, चौबट्टाखाल, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार, हरिद्वार ग्रामीण, भेल रानीपुर, रुड़की, खानपुर, कालाढूंगी, काशीपुर, किच्छा, गंगोलीहाट, चम्पावत, सल्ट।

जिनका टिकट तय, उन्हें क्षेत्र में ही चुनाव प्रचार के निर्देश

कांग्रेस ने टिकट अभी भले ही घोषित नहीं किए, लेकिन मजबूत प्रत्याशियों को संकेत दिए जा चुके हैं। प्रदेश में जिन कांग्रेस प्रत्याशियों के टिकट तय हैं, उन्हें हाईकमान से क्षेत्र में पूरी शक्ति से चुनाव प्रचार में जुटे रहने के निर्देश मिल चुके हैं। उन्हें दिल्ली में पैरवी के लिए आने से मना किया गया है। रविवार को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक न होने से दिल्ली में मौजूद प्रदेश के दिग्गज नेता टिकट के दावेदारों से घिरे रहे। इससे उत्तराखंड सदन में भी रौनक रही।

तो भाजपा नेताओं की वजह से टली कांग्रेस की सूची

कांग्रेस में भाजपा समेत अन्य दलों से बड़े चेहरों की एंट्री हो सकती है। इसे लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। सूत्रों की मानें तो सत्तारूढ़ दल भाजपा के कुछ विधायक कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस में इनके टिकट तय करने के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी करने की कवायद पर कुछ समय के लिए ब्रेक लगा है। सूत्रों का यह भी दावा है कि सीईसी की बैठक में निर्णय नहीं होने और फिर रविवार को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक टलने का कारण भी यही है। पार्टी की सूची जारी होने के बाद बाहर से आने वाले नेताओं के लिए कई सीटों पर पेच फंस सकता है।

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