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उत्तराखंड: डेढ़ साल तक पढ़ाई से कटे रहे बच्चों की शिक्षा विभाग लेगा सुध, दिया जाएगा अतिरिक्त ध्यान

Uttarakhand Education Department पढ़ाई से दूर रहे प्राथमिक कक्षाओं के नन्हें बच्चों की शिक्षा विभाग सुध लेगा। पढ़ाई की भरपाई के लिए वर्कशीट और गतिविधि पुस्तिका बच्चों का सहारा बनेंगी। शिक्षक अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए यह जिम्मेदारी निभाएंगे।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 10:30 AM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 10:30 AM (IST)
उत्तराखंड: डेढ़ साल तक पढ़ाई से कटे रहे बच्चों की शिक्षा विभाग लेगा सुध, दिया जाएगा अतिरिक्त ध्यान
डेढ़ साल तक पढ़ाई से कटे रहे बच्चों की शिक्षा विभाग लेगा सुध।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। तकरीबन डेढ़ साल तक पढ़ाई से दूर रहे प्राथमिक कक्षाओं के नन्हें बच्चों की शिक्षा विभाग सुध लेगा। पढ़ाई की भरपाई के लिए वर्कशीट और गतिविधि पुस्तिका बच्चों का सहारा बनेंगी। शिक्षक अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए यह जिम्मेदारी निभाएंगे। इसका नियमित मूल्यांकन एससीईआरटी और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) करेगा।

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उत्तराखंड में बीते 21 सितंबर से प्राथमिक विद्यालय आफलाइन पढ़ाई के लिए खोल दिए गए हैं। विद्यालय खोले जाने को लेकर बच्चों के उत्साह का अंदाजा इससे लग सकता है कि पहले ही दिन ही मैदानी से लेकर पर्वतीय क्षेत्रों के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में 70 से 80 फीसद बच्चे पहुंचे। विद्यालय के साथ बच्चों की दूरी खत्म होने का जायजा ले चुके विभाग को यह भी पता चला है कि डेढ़ साल पढ़ाई ठप रहने से बच्चों की सीखने की क्षमता पर बुरा असर पड़ा है। विभाग इसकी प्रतिपूर्ति करेगा।

आदर्श पाठ योजना के तहत पढ़ाई

शिक्षा सचिव राधिका झा ने बताया कि इस संबंध में एससीईआरटी और डायट को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि विद्यालयों के मुआयने में यह सामने आया है कि डेढ़ साल में आनलाइन या आफलाइन पढ़ाई के प्रयासों का अपेक्षा के अनुरूप लाभ बच्चों को नहीं मिला है। बच्चों की पढ़ाई में अब निरंतरता बनाई रखी जाएगी। इसके लिए शिक्षक आदर्श पाठ योजना के तहत बच्चों की पढ़ाई पर अतिरिक्त ध्यान देंगे।

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कमजोर बच्चे चिह्नित होंगे

एससीईआरटी और डायट को पढ़ाई में कमजोर बच्चों को चिह्नित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। ऐसे बच्चों की पढ़ाई के लिए अलग से कार्ययोजना बनाई जाएगी। इन प्रयासों में अभिभावकों की भागीदारी तय की गई है। प्रत्येक महीने के अंतिम शनिवार को विद्यालयों में शिक्षकों के साथ अभिभावकों की बैठक होगी।

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