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तीन दिन से धरने पर डटे लोनिवि के डिप्लोमा इंजीनियर, मांग पूरी न होने पर दी आंदोलन की चेतावनी

उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ (लोनिवि) से जुड़े अभियंता रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति व प्रभारी व्यवस्था के तहत भरने समेत एसीपी की मांग को लेकर धरने पर डटे हैं। शनिवार को भी अभियंताओं ने मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 10:01 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 11:16 PM (IST)
तीन दिन से धरने पर डटे लोनिवि के डिप्लोमा इंजीनियर, मांग पूरी न होने पर दी आंदोलन की चेतावनी
शनिवार को भी अभियंताओं ने मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया।

जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ (लोनिवि) से जुड़े अभियंता रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति व प्रभारी व्यवस्था के तहत भरने समेत एसीपी की मांग को लेकर धरने पर डटे हैं। शनिवार को भी अभियंताओं ने मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया। धरने को संबोधित करते हुए प्रांतीय अध्यक्ष आरएस मेहरा ने कहा कि विभागीय पुनर्गठन में अधीक्षण अभियंता एवं मुख्य अभियंता स्तर-दो के पदों को प्रतिनियुक्ति से भरने की व्यवस्था है।

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लिहाजा, सहायक अभियंता व अधिशासी अभियंता के रिक्त पदों को भी इस व्यवस्था के तहत भरा जाए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि शासन के साथ किए गए समझौते के तहत सहायक व अधिशासी अभियंता के रिक्त पदों पर प्रभारी व्यवस्था के तहत तैनाती की जाए। वहीं, महामंत्री एसएस चौहान ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर चयनित अभियंताओं को तत्काल एनओसी दी जाए और कनिष्ठ से अपर सहायक अभियंता पदों के पात्र अभियंताओं के स्थायीकरण, अपर सहायक अभियंता पद का ग्रेड वेतन व प्रथम एसीपी 5400 रुपये का लाभ दिया जाए। संघ ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं की गई तो वह आंदोलन को तेज करने को बाध्य होंगे। धरने पर बैठने वालों में डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के अध्यक्ष हरीश नौटियाल, यूएस मेहर, प्रवीण सक्सेना, लोकेंद्र पैन्यूली, शिवराज लोधियाल आदि शामिल रहे।

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कैबिनेट मंत्री से मांगी स्थायी नियुक्ति

अशासकीय विद्यालय में प्रधानाचार्य की स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद ने सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी से मुलाकात की।

उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद के प्रांतीय मंत्री अवधेश कुमार कौशिक ने बताया कि प्रदेश भर के अशासकीय विद्यालयों में वरिष्ठ शिक्षक को प्रधानाचार्य पद पर स्थायी नियुक्ति देने के बजाय प्रभारी प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त किया जा रहा है। वर्ष 2011 से प्रदेश के विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पद रिक्त हैं। इस पर मंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन पर जानकारी दी। बताया कि मुख्यमंत्री ने जल्द समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है।

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