Uttarakhand Crime News: तमंचे व जाली करेंसी की करता था सप्लाई, कोर्ट ने सुनाई सात साल की सजा, दोषी मुजफ्फरनगर का है रहने वाला
Uttarakhand Crime News कोर्ट ने तमंचे व जाली करेंसी सप्लाई करने के दोषी को सात साल की कैद की सजा सुनाई है। बता दें कि फरवरी 2010 में रायपुर पुलिस ने आरोपित को 14 तमंचे एक बंदूक व जाली करेंसी के साथ गिरफ्तार किया था।
जागरण संवाददाता, देहरादून: चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश आशुतोष मिश्र की अदालत ने देसी तमंचे व जाली करेंसी के साथ गिरफ्तार किए गए मुजफ्फरनगर के एक व्यक्ति को दोषी मानते हुए दो मामलों में सात वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया
इसके अलावा दोषी पर 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि अदा न करने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि 13 मई 2010 को रायपुर थाना निरीक्षक अमरजीत सिंह रिंग रोड पर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। पुलिस को देख बाइक चालक भागने की कोशिश करने लगा।
तलाशी में मिले थे देसी तमंचे और जाली नोट
पुलिस ने तुरंत उसे पकड़ते हुए उसकी तलाशी ली। इस दौरान उसके बैग से 14 देसी तमंचे, एक देसी बंदूक, छह कारतूस और 100-100 रुपये के 10 जाली नोट बरामद हुए। पुलिस ने आरोपित को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। आरोपित की पहचान शमीम अहमद के रूप में हुई, जो कस्बा बधरा, मोहल्ला नौमसियान, मस्जिद वाली गली के पास मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।
मुजफ्फरनगर से हथियार सप्लाई करने के लिए आया था देहरादून
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह मुजफ्फरनगर ( उत्तर प्रदेश ) से हथियार सप्लाई करने के लिए देहरादून आया था। शमीम अहमद के खिलाफ पुलिस की ओर से कोर्ट में अप्रैल 2011 में आरोप पत्र दाखिल किया गया।
11 साल तक कोर्ट में चला केस, आज सुनाई गई सजा
11 साल केस कोर्ट में चलने के बाद कोर्ट ने 30 जून को शमीम अहमद को दोषी पाते हुए निर्णय सुरक्षित रखा और शुक्रवार को सजा सुनाई गई। दोषी को जाली करेंसी के मामले में चार साल की कैद व पांच हजार रुपये जुर्माना और देसी तमंचे के मामले में तीन साल की सजा व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।