उत्तराखंड में 'छोटी सरकार' के मुखिया को चुनावी साल में 'सम्मान', इस मांग पर कैबिनेट ने लगाई मुहर
छोटी सरकार यानी ग्राम पंचायतों के प्रधानों को चुनावी साल में सम्मान हासिल हो गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के अनुरूप ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 3500 रुपये करने पर कैबिनेट ने मंगलवार को मुहर लगा दी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Chunav उत्तराखंड में आखिरकार, 'छोटी सरकार' यानी ग्राम पंचायतों के प्रधानों को चुनावी साल में 'सम्मान' हासिल हो गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के अनुरूप ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 3500 रुपये करने पर कैबिनेट ने मंगलवार को मुहर लगा दी। इसके साथ ही ग्राम प्रधानों की लंबे समय से उठाई जा रही मांग पूरी हो गई।
73वें संविधान संशोधन में निहित सत्ता के विकेंद्रीकरण की मूलभावना को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से विकास कार्यों में जनसहभागिता के मद्देनजर पंचायतों को चरणबद्ध रूप से शक्तियों व दायित्वों का हस्तांतरण किया जा रहा है। ऐसे में ग्राम पंचायतों के प्रधानों के कार्य और दायित्वों में भी अत्यधिक वृद्धि हुई है। बावजूद इसके वे ग्राम विकास की योजनाओं को धरातल पर मूर्त रूप देने में मुस्तैदी से जुटे हुए हैं। कोरोनाकाल में तो ग्राम प्रधानों ने कोरोना योद्धा के तौर पर काम किया।
इस सबको देखते हुए ग्राम प्रधानों को सम्मानजनक मानदेय देने की मांग लगातार उठ रही थी। दरअसल, ग्राम प्रधानों के लिए वर्ष 2006 में मानदेय का प्रविधान किया गया। इसके बाद वर्ष 2011 व 2017 में मानदेय में वृद्धि की गई, लेकिन यह 1500 रुपये प्रतिमाह तक ही पहुंच पाया। कुछ समय पहले ग्राम प्रधानों ने मुख्यमंत्री से मानदेय में सम्मानजक बढ़ोतरी का आग्रह किया था। तब मुख्यमंत्री ने ग्राम प्रधानों के मानदेय में दोगुना से अधिक बढ़ोतरी कर इसे 3500 रुपये करने की घोषणा की थी। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में विमर्श के बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। उन्हें मानदेय का भुगतान राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों के अंतर्गत संक्रमित धनराशि से किया जाएगा।
500 पंचायत घरों के लिए 20 करोड़
उत्तराखंड में पंचायत घर विहीन 500 ग्राम पंचायतों को भी सरकार ने इसकी सौगात दी है। मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में 500 पंचायत घरों के निर्माण के लिए 20 करोड़ की धनराशि का प्रस्ताव मंगलवार को कैबिनेट के समक्ष रखा गया। कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी। पंचायत भवन निर्माण विशेष योजना के तहत इन पंचायत घरों के निर्माण के लिए प्रति भवन 10 लाख रुपये मनरेगा, पांच लाख ग्राम पंचायतों को प्राप्त अनुदान और पांच लाख रुपये की राशि राजय सेक्टर से उपलब्ध कराई जाएगी। भूमि की उपलब्धता होते ही पंचायत भवनों का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
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पंचायतीराज में उप निदेशक का पद
पंचायतीराज विभाग में सृजित सहायक निदेशक के पद को समाप्त कर इसकी जगह उप निदेशक का पद सृजित किया गया है। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
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