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उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी बोले, लोक संस्कृति ही हमारी पहचान; हमें इसे नहीं भूलना चाहिए

जिस प्रकार एक पेड़ अपनी मजबूत जड़ों की वजह से हरा-भरा रहता है उसी प्रकार हमारी उन्नति भी हमारी मजबूत लोक संस्कृति पर निर्भर है। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रीतम भरतवाण जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी के उद्घाटन के दौरान कही।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 05:01 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 05:01 PM (IST)
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी बोले, लोक संस्कृति ही हमारी पहचान; हमें इसे नहीं भूलना चाहिए
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी बोले, लोक संस्कृति ही हमारी पहचान।

जागरण संवाददाता, देहरादून। लोक संस्कृति हमारी पहचान है, हमें इसे भूलना नहीं चाहिए। जिस प्रकार एक पेड़ अपनी मजबूत जड़ों की वजह से हरा-भरा रहता है, उसी प्रकार हमारी उन्नति भी हमारी मजबूत लोक संस्कृति पर निर्भर है। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रीतम भरतवाण जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी के उद्घाटन के दौरान कही। मुख्यमंत्री ने पद्मश्री डा. प्रीतम भरतवाण से शोषित व जरूरतमंद बच्चों के उत्थान के लिए कार्य करने का आह्वान किया। साथ ही एकेडमी को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लोक कलाकारों को सम्मानित भी किया।

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रविवार को दून के नालापानी रोड स्थित एक भवन में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री ने ढोल-दमाऊ के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इन पारंपरिक वाद्य यंत्रों का हमारी पहाड़ी संस्कृति में बहुत महत्व है। इसलिए इस कला को विलुप्त होने से बचाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने मंच पर ढोल भी बजाया। उन्होंने कहा कि सरकार अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कोरोना को हराने के लिए सभी से कोरोनारोधी वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि समाज में जो भी संपन्न हैं, उन्हें पिछड़ों के उत्थान के लिए कार्य करना चाहिए।

पद्मश्री डा. प्रीतम भरतवाण ने कहा कि उनकी एकेडमी में ढोल संस्कृति के विविध ऐतिहासिक धरोहरीय पक्षों के जिज्ञासु विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही लोक धरोहर के विषय जागर, लोकगीत, ढोल सागर व सभी पारंपरिक वाद्य यंत्रों की जानकारी के साथ इनमें दक्ष बनाया जाएगा। कार्यक्रम में डा. पवन कुदवान ने अपनी पुस्तक 'गढ़वाल हिमालय की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति' मुख्यमंत्री को भेंट की। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत, शेर दास विद्वान, डा. भरतवाण की पत्नी रशना भरतवाण, कलम दास, समीर भरतवाण, राम भरोसा, मीना राणा, संजय कुमोला, डा. स्वराज विद्वान, साहित्यकार गजेंद्र नौटियाल आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन शक्ति प्रसाद भट्ट ने किया।

गरीब बच्चों को निश्शुल्क दिया जाएगा प्रशिक्षण

मुख्यमंत्री ने पद्मश्री डा. प्रीतम भरतवाण की ओर से लोक संस्कृति के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने अन्य व्यक्तियों से भी इस प्रकार के कार्यों के लिए आगे आने का आह्वान किया। इस मौके पर डा. प्रीतम भरतवाण ने कहा कि वह एकेडमी में जरूरतमंद बच्चों को निश्शुल्क प्रशिक्षण देंगे। उन्होंने कार्यक्रम में जागर की शानदार प्रस्तुति भी दी।

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