ऋषिकेश: तीर्थपुरोहित बोले, देवस्थानम अधिनियम निरस्त होने तक जारी रहेगा आंदोलन
सरकार की ओर से देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने के साथ प्रदेश के समस्त मंदिरों के लिए अधिनियम को रद किए जाने की घोषणा कर दी गई है। चारधाम हक हकूक धारी महापंचायत तीर्थ पुरोहित समिति ने कहा विधानसभा सत्र में अधिनियम रद नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। Uttarakhand Chardham Devasthanam Board उत्तराखंड सरकार की ओर से देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने के साथ प्रदेश के समस्त मंदिरों के लिए अधिनियम को रद किए जाने की घोषणा कर दी गई है। लेकिन चारधाम हक हकूक धारी महापंचायत तीर्थ पुरोहित समिति ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि जब तक विधानसभा सत्र में यह अधिनियम रद नहीं होता तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
सोमवार को सरकार ने जैसे ही देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने के साथ अधिनियम को रद किए जाने का एलान किया। उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तराखंड के चारधाम हक हकूक धारी महापंचायत तीर्थ पुरोहित समिति के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल ने कहा कि सभी तीर्थ पुरोहितों, पंडा पंचायत के साथ उनके आंदोलन से जुड़े सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सरकार के निर्णय को उत्तराखंड के हित में बताया है। सरकार ने उनकी मांग मान कर विवेक का परिचय दिया है। लेकिन उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक विधानसभा में इस अधिनियम को रद नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि यह जीत सभी संस्थाओं की जीत है ।
श्री जयराम आश्रम में संस्था के अध्यक्ष ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने केदार सभा के पदाधिकारियों को सम्मानित करते हुए कहा कि हक हकूक धारी और तीर्थ पुरोहितों के इस संघर्ष में संत समाज पूरी तरह उनके साथ था। अब सरकार को विधानसभा के भीतर शीघ्र ही इस अधिनियम को समाप्त करने का काम करना चाहिए। केदारनाथ महासभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, केदारनाथ सभा के सचिव कुबेरनाथ पोस्ती, तीर्थ पुरोहित सभा के प्रमुख सदस्य राजेश बगवाडी ने कहा कि जिस दिन विधानसभा में इसकी घोषणा की जाएगी उसके बाद चारों धामों में दीपावली मनाकर खुशी का इजहार किया जाएगा। इस मौके पर उपस्थित कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री राजपाल खरोला ने कहा कि सरकार ने अब सही कदम उठाया है। यदि सरकार समय पर जाग जाती तो तीर्थ पुरोहितों को सड़क पर ना उतरना पड़ता।
इस घोषणा के बाद ऋषिकेश में भी तीर्थ पुरोहितों में खुशी का माहौल है। पुरोहित समिति ऋषिकेश के अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत और महामंत्री चेतन शर्मा ने कहा कि सरकार की ओर से उत्तराखंड के हित में लिए गए इस निर्णय का स्वागत है। क्योंकि इस कानून के बनने के बाद चार धाम में सेवा देने वाले सभी तीर्थ पुरोहितों के हक हकूक पर कुठाराघात हो रहा था।
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