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उत्तराखंड के औद्यानिकी विकास के लिए केंद्र से मिल सकती है दो हजार करोड़ की सौगात

उत्तराखंड के औद्यानिकी विकास के लिए राज्य सरकार को जल्द केंद्र से दो हजार करोड़ रुपये की सौगात मिल सकती है। इसके मद्देनजर विभिन्न योजनाओं का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने इसकी पुष्टि की।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 01:15 PM (IST)Updated: Fri, 08 Oct 2021 01:32 PM (IST)
उत्तराखंड के औद्यानिकी विकास के लिए केंद्र से मिल सकती है दो हजार करोड़ की सौगात
उत्तराखंड सरकार को जल्द ही केंद्र से दो हजार करोड़ रुपये की सौगात मिल सकती है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में किसानों की आय दोगुना करने की कोशिशों में जुटी राज्य सरकार को जल्द ही केंद्र से दो हजार करोड़ रुपये की सौगात मिल सकती है। इस कड़ी में प्रदेश में औद्यानिकी विकास को गति देने के मद्देनजर विभिन्न योजनाओं का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर यह औद्यानिकी के कायाकल्प में मील का पत्थर साबित होगा।

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राज्य गठन के बाद औद्यानिकी को यहां की आर्थिकी का महत्वपूर्ण स्रोत जरूर माना गया था, लेकिन इस दिशा में ठोस पहल नहीं हो पाई। मौजूदा सरकार ने इस पर खास फोकस करने की ठानी है। किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए उन्हें तमाम योजनाओं से आच्छादित करने के साथ ही अब औद्यानिकी के विकास के लिए समग्र योजना बनाई गई है। इस कड़ी में उद्यान विभाग के तहत औद्यानिकी के ढांचागत विकास के साथ ही राज्य में सब्जी, मसाला, अखरोट, पुष्पोत्पादन, मौनपालन, फलोत्पादन, मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि करीब दो हजार करोड़ रुपये की इस योजना में उन्हीं विषयों को शामिल किया गया है, जिनसे किसान की आर्थिकी संवर सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार जल्द इस प्रस्ताव का मंजूरी प्रदान करेगी।

प्रस्ताव में शामिल मुख्य योजनाएं

  • योजनाएं--------------लागत (करोड़ में)
  • ढांचागत विकास--------------480.79
  • फलोत्पादन--------------------448.00
  • सब्जी उत्पादन---------------313.27
  • मधुमक्खी पालन-------------265.00
  • अखरोट उत्पादन-------------166.50
  • पुष्पोत्पादन--------------------164.57
  • मसाला उत्पादन--------------51.00
  • मशरूम उत्पादन-------------36.06

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2022 तक एफआरआइ सिंगल यूज प्लास्टिक से होगा मुक्त

वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति के अभियान से जुड़ते हुए खुद के लिए भी वर्ष 2022 का लक्ष्य तय किया है। संस्थान के निदेशक एएस रावत ने कहा कि निर्धारित समय तक पूरे परिवर को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त कर दिया जाएगा। सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति के लिए एफआरआइ 'आइकानिक वीक' मना रहा है। गुरुवार को कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निदेशक व भारतीय अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद के महानिदेशक एएस रावत ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए खतरा है। वहीं, सभी तरह के प्लास्टिक के कम से कम उपयोग की सलाह भी उन्होंने दी। इस अवसर पर उपमहानिदेशक डा. सुधीर कुमार, एसडी शमार, आरके डोगरा, अनुराग भारद्वाज, विनीत कुमार आदि उपस्थित रहे।


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