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उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री महाराज बोले, दो दिन में खुल जाएंगे ग्रामीण क्षेत्रों में बंद मोटर मार्ग

आपदा के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बंद पड़े 479 मोटर मार्ग अगले दो दिन में खोल दिए जाएंगे। इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। लोनिवि मंत्री सतपाल महाराज ने विभागीय समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 09:22 AM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 09:22 AM (IST)
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री महाराज बोले, दो दिन में खुल जाएंगे ग्रामीण क्षेत्रों में बंद मोटर मार्ग
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री महाराज बोले, दो दिन में खुल जाएंगे ग्रामीण क्षेत्रों में बंद मोटर मार्ग।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में आई आपदा के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बंद पड़े 479 मोटर मार्ग अगले दो दिन में खोल दिए जाएंगे। इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। लोनिवि मंत्री सतपाल महाराज ने विभागीय समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और पैच वर्क से संबंधित कार्य 15 नवंबर तक पूर्ण कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। साथ ही दिसंबर तक सड़कों के नवीनीकरण कार्य पूर्ण करने को कहा गया है।

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लोनिवि मंत्री महाराज ने शनिवार को यमुना कालोनी स्थित प्रमुख अभियंता कार्यालय के सभागार में आपदा से क्षतिग्रस्त सड़कों और इन्हें खोलने के लिए चल रही कसरत की समीक्षा की। लोनिवि मंत्री ने बताया कि आपदा से प्रदेश में 49 राज्य राजमार्ग बंद हो गए थे, जिनमें से 30 खोल दिए गए हैं। शेष को खोलने का कार्य चल रहा है। सभी जिलों में 420 मशीनें मलबा हटाने में लगी हैं। उन्होंने कहा कि नैनीताल, अल्मोड़ा, चम्पावत समेत अन्य जिलों के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में 554 मार्ग बंद हुए, जिनमें से 75 खोल दिए गए हैं। शेष 479 ग्रामीण मोटर मार्ग दो दिन में खोल दिए जाएंगे।

महाराज के अनुसार सड़कों के पैचवर्क और मरम्मत कार्य में तेजी लाई जा रही है। अब तक 5850 किलोमीटर सड़कों में से 3050 किलोमीटर में पैच, मरम्मत का कार्य हो चुका है। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे, जबकि विभाग के अधीक्षण व अधिशासी अभियंता वर्चुअली जुड़े।

सिंचाई योजनाओं को 72 करोड़ की क्षति

सिंचाई मंत्री महाराज ने बाद में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के सभागार में सिंचाई विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि से प्रदेश में सिंचाई नहरों, बाढ़ सुरक्षा कार्यों, लिफ्ट, बैराज, हेड रेगुलेटर आदि को नुकसान पहुंचा है। आपदा से सर्वाधिक प्रभावित नैनीताल, उधमसिंह नगर, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत व हरिद्वार जिलों में 72 करोड़ की क्षति का आकलन किया गया है। बैठक में सचिव हरिचंद्र सेमवाल, प्रमुख अभियंता मुकेश मोहन आदि मौजूद थे।य लिया।

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