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उत्तराखंड के राजकीय चिकित्सालयों में मिलेगी मुफ्त दवा, 30 हजार को रोजगार देने का भी लक्ष्य

Uttarakhand Cabinet Meeting राजकीय चिकित्सालयों में आमजन को मुफ्त दवा वितरित की जाएगी। चिकित्सक यदि अस्पताल में मिलने वाली दवा से इतर कोई दवा लिखता है तो उसे कारण लिखना होगा। यह दवा सरकार ही उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही सरकार ने नई निर्यात नीति को मंजूरी प्रदान की है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 08:31 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 08:31 AM (IST)
उत्तराखंड के राजकीय चिकित्सालयों में मिलेगी मुफ्त दवा, 30 हजार को रोजगार देने का भी लक्ष्य
उत्तराखंड के राजकीय चिकित्सालयों में मिलेगी मुफ्त दवा, 30 हजार को रोजगार देने का भी लक्ष्य।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Cabinet Meeting उत्तराखंड के राजकीय चिकित्सालयों में आमजन को मुफ्त दवा वितरित की जाएगी। चिकित्सक यदि अस्पताल में मिलने वाली दवा से इतर कोई दवा लिखता है तो उसे कारण लिखना होगा। यह दवा सरकार ही उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही सरकार ने नई निर्यात नीति को मंजूरी प्रदान की है। इसमें निर्यात का लक्ष्य 30 हजार करोड़ रुपये रखा गया है। साथ ही इसके अंतर्गत 30 हजार व्यक्तियों के लिए अतिरिक्त रोजगार के सृजन की व्यवस्था की गई है।

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सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट में प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों में आमजन को मुफ्त दवा देने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही विभाग द्वारा दवा खरीद की व्यवस्था भी बनाई गई है। अपरिहार्य स्थिति में बाहर से दवा खरीदने पर केंद्र सरकार द्वारा तय दरों के आधार पर दवा खरीदने का भी विकल्प दिया गया है।

राज्य की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के लिए पहली बार उत्तराखंड निर्यात नीति 2021 को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की है। इसमें 2020-21 में तय 15900 करोड़ के निर्यात लक्ष्य को आगामी पांच वर्षों में 30 हजार करोड़ रुपये करने और 30 हजार व्यक्तियों के लिए अतिरिक्त रोजगार सृजन करने का लक्ष्य रखा गया है।

इसके साथ ही मौजूदा निर्यात अवसंरचना जैसे गोदाम, अंतरदेशीय कंटेनर डिपो, कोल्ड स्टोरेज, औद्योगिक संपदा व कलस्टर से रेल-सड़क कनेक्टिविटी को मजबूत करने के साथ ही कृषि व कृषि आधारित क्षेत्रों, पर्यटन, सेवा, वेलनेस, आयुष, हैंडलूम, फार्मा, शिक्षा सेवाओं को भी निर्यात नीति के फोकस सेक्टर के रूप में चिह्नित किया गया है।

निर्यातकों को विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन जैसे भूमि की दरों में छूट, भूमि लागत में प्रतिपूर्ति सहायता, परिवर्तन शुल्क में प्रतिपूर्ति, विपणन सहायता, कौशल विकास एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहायता, अनुसंधान एवं विकास के लिए सहायता, ई-कामर्स प्लेटफार्म द्वारा उत्पादों की बिक्री में सहायता व कार्यशील पूंजी पर ब्याज प्रतिपूर्ति की भी व्यवस्था की गई है।

50 करोड़ तक कार्यों को जिला प्राधिकृत समिति दे सकेगी स्वीकृति

कैबिनेट ने एमएसएमई में एक नई व्यवस्था अंगीकृत की है। इसके तहत एमएसएमई के तहत 50 करोड़ रुपये तक के निवेश प्रस्तावों को अब जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला प्राधिकृत समिति ही स्वीकृति के संबंध में निर्णय ले सकेगी। अभी तक यह सीमा 10 करोड़ रुपये तय थी। वहीं, 50 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति के लिए राज्य प्राधिकृत समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

बाटलिंग प्लांट में मिलेगी 125 फीसद मूल्यवर्द्धित कर प्रतिपूर्ति

कैबिनेट ने पर्वतीय श्रेणी ए और बी के जनपदों में विदेशी मदिरा विर्निर्माण, बाटलिंग तथा ब्रुवरी को पात्र गतिविधियों में शामिल करते हुए इन्हें विभिन्न प्रतिपूर्ति सहायता देने का प्रविधान किया था। अब यह निर्णय लिया गया है कि जहां वर्तमान में वैट की व्यवस्था है। उसके लिए मूल्यवद्र्धित कर प्रतिपूर्ति सहायता की अधिकतम मात्रा श्रेणी ए के जनपदों के लिए अचल पूंजी निवेश का 125 प्रतिशत और अधिकतम 25 प्रतिशत प्रति वर्ष और श्रेणी बी के जनपदों के लिए अचल पूंजी निवेश का 100 प्रतिशत व अधिकतम 20 प्रतिशत प्रतिवर्ष होगी।

सेवानिवृत्त कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने का निर्णय

कैबिनेट ने एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 की अवधि में राज्य सरकार के सेवानिवृत्त कार्मिकों को ग्रेच्युटी एवं अवकाश नकदीकरण का नगद भुगतान करने का निर्णय लिया है। इसके तहत एक जनवरी 2020 से 30 जून 2020 के बीच सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को मूल वेतन का 21 प्रतिशत, एक जुलाई 2020 से 31 दिसंबर 2020 के बीच सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को मूल वेतन का 24 प्रतिशत और एक जनवरी 2021 से 30 जून 2021 तक सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को मूल वेतन का 28 प्रतिशत महंगाई भत्ते के रूप में दिया जाएगा।

देहरादून व ऊधमसिंह नगर में निजी क्षेत्र संचालित करेंगे फिटनेस सेंटर

कैबिनेट ने देहरादून और ऊधमसिंह नगर में वाहन फिटनेस का कार्य निजी क्षेत्र को देने का का निर्णय लिया है। इसके तहत सरकार इन सेंटर का निर्माण करेगी और निजी क्षेत्र इसका संचालन करेगा। इसके लिए वाहन संचालकों को 200 से लेकर 400 रुपये अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

परिवहन निगम के ढांचे में विसंगति दूर करने को मंजूरी

कैबिनेट ने परिवहन निगम के ढांचे में पूर्व में आई विसंगति को दूर करने पर सहमति जताई है। इसके अनुसार पूर्व में हटाए गए लेखा व मिनिस्टीरियल संवर्ग के 31 पदों को फिर से पुनर्जीवित करने को मंजूरी दी गई है।

दूसरी सेवाओं में लिए जाएंगे परिवहन निगम के लिए चयनित 24 अधिकारी

कैबिनेट ने कुछ समय पहले परिवहन निगम के लिए राज्य अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड से चयनित 24 अधिकारियों के संबंध में भी फैसला लिया है। इन्हें अब दूसरे सरकारी विभागों में समायोजित किया जाएगा। परिवहन निगम की माली हालात ठीक न होने के कारण चयन के बाद भी इन्हें नियुक्ति नहीं मिल पाई थी।

ये भी हुए प्रमुख निर्णय

पंचायती राज अधिनियम के तहत हरिद्वार में पंचायत चुनाव न होने की स्थिति में प्रशासकों का कार्यकाल छह माह के लिए बढ़ाने पर सहमति बनी है।

- नैनीताल में आम्रपाली विश्वविद्यालय की स्थापना को मंजूरी प्रदान की गई है।

- रुद्रपुर में इलेक्ट्रानिक पार्क के निर्माण को औद्योगिक विकास विभाग की 133.82 एकड़ भूमि सिडकुल को देने पर सहमति प्रदान की गई है।

- कैबिनेट ने हाल ही में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर हुई बैठक को अपनी सहमति प्रदान की है।

- उत्तराखंड पशुपालन विभाग में प्रयोगशाला सहायक सेवा नियमावली को मंजूरी प्रदान की गई। अब स्वास्थ्य विभाग की भांति होंगी सेवा शर्तें।

- राज्य सरकार की योजनाओं के प्रचार प्रचार के लिए एएनआइ को अधिकृत करने को मंजूरी।

- कोविड के मद्देनजर उद्योगों को परफार्मेंस गारंटी कम सिक्योरिटी डिपोजिट की दरों में कमी करने का निर्णय

- उत्तर प्रदेश की मृतक आश्रित सेवा नियमावली के अनुसार पोते और पोती को सरकारी सेवा देने के संबंध में निर्णय लेेने को मुख्यमंत्री को किया अधिकृत।

- कोविड के कारण टाइगर रिजर्व में बुकिंग कराने वालों को पैसा वापस करने की मंजूरी दी गई। इसके साथ ही अपरिहार्य कारणों से बुकिंग निरस्त करने वालों का पैसा वापस करने के लिए टाइगर रिजर्व प्रशासन को नियमावली बनाने को कहा गया है।

- राज्य समेकित सहकारी परियोजना के तहत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम से लिए गए 256 करोड़ के ऋण का ब्याज राज्य सरकार वहन करेगी।

- राज्य सकल घरेलू उत्पाद की तर्ज पर सकल पर्यावरणीय उत्पाद के आकलन के बाद ही सकल पर्यावरणीय उत्पाद के संबंध में कोई निर्णय लिया जाएगा।

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