कांग्रेस प्रभारी रामनगर में लेंगे उपाध्यक्षों की बैठक, 17 तक विधानसभा क्षेत्रों में तैनात रहेंगे प्रदेश उपाध्यक्ष
Uttarakhand By Election सल्ट विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को अपनी संभावनाएं बेहतर दिखाई दे रही हैं। पार्टी ने इस लड़ाई को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है। अब प्रदेश उपाध्यक्षों को 17 अप्रैल तक विधानसभा क्षेत्र में तैनात किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand By Election सल्ट विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को अपनी संभावनाएं बेहतर दिखाई दे रही हैं। पार्टी ने इस लड़ाई को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है। अब प्रदेश उपाध्यक्षों को 17 अप्रैल तक विधानसभा क्षेत्र में तैनात किया जाएगा। इस सिलसिले में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव रविवार को रामनगर में प्रदेश उपाध्यक्षों की बैठक लेंगे। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस सीट पर भाजपा को कड़ी टक्कर दे चुकी है। हालांकि सुरेंद्र सिंह जीना लगातार तीन दफा ये चुनाव जीतने में सफल रहे थे। सुरेंद्र सिंह जीना के निधन से रिक्त हुई इस सीट पर अब उनके भाई महेश जीना चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस इस उपचुनाव में अपनी प्रत्याशी गंगा पंचोली को मजबूत मान रही है। प्रदेश की सियासत में हालिया घटनाक्रम और सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद कांग्रेस की उम्मीदें बढ़ गई हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे इस उपचुनाव में जीत के लिए कांग्रेस कड़ी मशक्कत कर रही है। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव तीन दिनों तक क्षेत्र में डेरा डाल चुके हैं। अब दोबारा उन्होंने रविवार को शाम चार बजे रामनगर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्षों की बैठक बुलाई है।
डेढ़ दर्जन से ज्यादा उपाध्यक्षों को सल्ट विधानसभा क्षेत्र में चुनाव की तैयारी को मजबूती देने के लिए जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी भाग लेंगे। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सल्ट उपचुनाव जनबल और धनबल के बीच है। इसमें जीत जनबल की होगी। प्रदेशवासी 2022 के चुनाव की आधारशिला सल्ट के उपचुनाव से रखकर प्रदेश में सकारात्मक परिवर्तन करने के लिए कटिबद्ध हो चुके हैं।
सरकार के फैसले को कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष ने सराहा
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने राज्य सरकार के तमाम ग्राम पंचायतों में स्वाधीनता सेनानियों के चित्र लगाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने राज्य आंदोलन में शहीदों और जेल जाने वाले आंदोलनकारियों की तस्वीरें भी पंचायतों में लगाने की मांग सरकार से की है।
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