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Uttarakhand Assembly Monsoon Session: कोरोना के साये में एक दिन का होगा विधानसभा का मानसून सत्र

Uttarakhand Assembly Monsoon Session प्रदेश में कोरोना के निरंतर बढ़ते मामलों की छाया से विधानसभा का मानसून सत्र भी अछूता नहीं रहा है। अब सत्र एक दिनी होगा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 08:42 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 08:42 AM (IST)
Uttarakhand Assembly Monsoon Session: कोरोना के साये में एक दिन का होगा विधानसभा का मानसून सत्र
Uttarakhand Assembly Monsoon Session: कोरोना के साये में एक दिन का होगा विधानसभा का मानसून सत्र

देहरादून, राज्य ब्यूरो। Uttarakhand Assembly Monsoon Session प्रदेश में कोरोना के निरंतर बढ़ते मामलों की छाया से विधानसभा का मानसून सत्र भी अछूता नहीं रहा है। अब सत्र एक दिनी होगा। 23 सितंबर को होने वाले सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा। विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की रविवार को हुई बैठक में ये निर्णय लिए गए। सत्र के दौरान लगभग 20 विधेयक पेश किए जाएंगे। साथ ही विपक्ष की ओर से चार विषयों पर कार्यस्थगन लाया जाएगा। संभवतया यह पहला अवसर है जब सत्र महज एक दिन की अवधि का होगा। उधर, संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक के अनुसार मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए विपक्ष ने सत्र के आयोजन में पूर्ण सहयोग देने का भरोसा दिलाया है।

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कोरोना संक्रमण से सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों के विधायक जूझ रहे हैं। भाजपा के करीब 13 विधायक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जबकि नेता प्रतिपक्ष समेत विपक्ष कांग्रेस के तीन विधायक। हालांकि, कई विधायक कोरोना को मात दे चुके हैं। इस बीच रविवार को विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जबकि नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश को उपचार के लिए गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सोमवार को मंत्रियों और विधायकों का भी कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। ऐसे में सत्र में न तो विधानसभा अध्यक्ष मौजूद रहेंगे और न नेता प्रतिपक्ष। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए विधानसभा के मानसून सत्र को तीन दिन की बजाय एक दिन करने पर जोर दिया जा रहा था। 

विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की रविवार को विधानसभा में हुई बैठक में भी इन सब परिस्थितियों पर मंथन के बाद तय किया गया कि सत्र केवल एक दिन, यानी 23 सितंबर को ही चलेगा। बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने बताया कि सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा। विधायकों के प्रश्नों का लिखित में जवाब उपलब्ध कराया जाएगा। बता दें कि सत्र के लिए विधायकों ने एक हजार से ज्यादा प्रश्न लगाए हैं।

कौशिक के अनुसार ये तय हुआ है कि शून्यकाल में नियम-300 की सूचनाएं ली जाएंगी। विपक्ष की ओर से कोरोना, बेरोजगारी, महंगाई और कानून व्यवस्था पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से लगभग 20 अध्यादेश भोजनावकाश से पहले विधेयक के रूप में सदन में पेश किए जाएंगे। भोजनावकाश के बाद विधेयकों पर चर्चा और इन्हें पारित कराया जाएगा।

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विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के कोरोना संक्रमित होने के कारण विधानसभा के उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने बैठक की अध्यक्षता की। संसदीय कार्यमंत्री कौशिक, उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल बैठक में मौजूद थे। इससे पहले विधानसभा में विधानमंडल दल के नेताओं की बैठक हुई, जिसमें मौजूदा परिस्थितियों के साथ ही विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। सरकार की ओर से विपक्ष से सहयोग का आग्रह किया गया। विपक्ष ने जनहित के विषयों को सदन में उठाने की बात कही।

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