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उत्तराखंड में फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव के संकेत

केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव फरवरी-मार्च में कराने के संकेत दिए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि सभी दलों ने इसी समय चुनाव कराने की बात कही है।

By sunil negiEdited By: Published: Fri, 04 Nov 2016 10:07 AM (IST)Updated: Sat, 05 Nov 2016 06:15 AM (IST)
उत्तराखंड में फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव के संकेत

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव फरवरी अंत अथवा मार्च के पहले सप्ताह में कराने के संकेत दिए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि सभी दलों ने इसी समय चुनाव कराने की बात कही है। उन्होंने निष्पक्ष चुनाव और सरकारी धन के दुरुपयोग संबंधी शिकायतों पर मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह को इनका संज्ञान लेने के निर्देश भी दिए। चुनाव के दौरान धनबल, बाहुबल व अवैध शराब के वितरण पर रोक लगाने को नोडल एजेंसियों से सप्ताह के भीतर प्रस्ताव बनाकर देने को कहा गया है। उन्होंने प्रदेश में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की जरूरत भी बताई है।

गुरुवार को हरिद्वार बाइपास स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने आयोग की बीते दो दिनों की गतिविधियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों से साफ-सुथरे व निष्पक्ष चुनाव का अनुरोध किया गया है। सभी दलों ने प्रदेश में एक ही चरण में फरवरी के अंतिम सप्ताह और मार्च में चुनाव कराने का अनुरोध किया है।

उन्होंने कहा कि आयोग ने दलों से मिले सुझाव व शिकायतों को गंभीरता से लिया है। सभी को आश्वास्त किया गया है कि प्रदेश में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराए जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और केदारनाथ पर बनी फिल्म के लिए सरकारी धन के दुरुपयोग की शिकायतों पर मुख्य सचिव को संज्ञान लेने के निर्देश दिए गए हैं। विवेकाधीन कोष के धन का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।

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अधिकारियों से कहा गया है कि वे निष्पक्ष होकर कार्य करें। चुनाव से पहले इस प्रकार के संकेत नहीं जाने चाहिए कि इससे किसी को लाभ मिल रहा है। चुनाव में लगातार वोटरों को लुभाने के लिए कई प्रकार के हथकंडे अपनाए जाने की बात सामने आई है। संबंधित अधिकारियों को कहा गया है कि वे इस पर रोक लगाने के लिए प्रभावी रणनीति आयोग को बनाकर भेजे ताकि आयोग चुनाव से पूर्व व चुनाव के दौरान इन पर रोक लगा सके।

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उन्होंने कहा कि बीते चुनाव में प्रदेश में 66 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार 80 फीसद मतदान का लक्ष्य रखा गया है। वोटरों को मतदान केंद्र तक लाने को जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही वृद्ध आश्रम, विकलांग संस्थाओं और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में ऑक्सलरी पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके अलावा घुमंतु कबीलों के साथ ही वन गुज्जर और वन रावत आदि को भी वोटर लिस्ट में शामिल करने को कहा गया है।

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