युवा हाथों को सौंपे बागडोर, पीछे हटने को तैयार : हरीश रावत
Uttarakhand Assembly Election 2022 पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने लगातार तीसरे दिन भी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की पुरजोर पैरवी जारी रखी। वह पूरी तरह सामूहिक नेतृत्व की पार्टी की नीति की मुखालफत में उतर चुके हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Election 2022 पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने लगातार तीसरे दिन भी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की पुरजोर पैरवी जारी रखी। वह पूरी तरह सामूहिक नेतृत्व की पार्टी की नीति की मुखालफत में उतर चुके हैं। अलबत्ता उन्होंने मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में खुद पीछे हटने की पहल के साथ युवा हाथों में बागडोर देने पर जोर दिया। इसे उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत करते हुए उन्होंने पार्टी की सेवा करार दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इंटरनेट मीडिया पर बुधवार को दिनभर कई पोस्ट डालीं। पार्टी में सामूहिक नेतृत्व के कारणों को स्पष्ट करते हुए उन्होंने प्रदेश संगठन पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संगठन ने उन्हें सामूहिकता के लायक नहीं समझा। प्रदेश कांग्रेस के नवनिर्वाचित सदस्यों व पदाधिकारियों की पहली बैठक में मंच से पार्टी के शुभंकर महामंत्री संगठन ने तीन बार नेताओं की जिंदाबाद बुलवाई। सचिवगणों की भी जिंदाबाद लगाई गई, मगर नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत को मंच से जिंदाबाद बुलवाने लायक नहीं समझा गया।
उन्होंने कहा कि इस विषय को अलग रखने पर भी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना पार्टी के हित में होगा। प्रदेश में स्थान-स्थान पर जनांदोलन हो रहे हैं। राज्य में दो प्रमुख पदों प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष को जन संघर्षों को कांग्रेस के साथ जोड़ने के लिए वहां पहुंचना आवश्यक है। आज उनके लिए ऐसा करना संभव नहीं है। ऐसे में हमें युवा हाथों में बागडोर देने के लिए उत्सुक होना चाहिए। इसके लिए वह खुद को उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत कर रहे हैं, ताकि अन्य राज्यों और क्षेत्रों में भी यह सिलसिला आगे बढ़ सके।
पार्टी के राष्ट्रीय नेता हरीश रावत ने दर्द और तंज से हरेक को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से राज्यों में जीत के लिए अपनाए जा रहे फार्मूले का स्थानीय तोड़ निकलना चाहिए। भाजपा को चेहरा बनाम कांग्रेस का चेहरा जनता के सामने रखा जाए, ताकि स्थानीय सवालों के तुलनात्मक आधार पर निर्णय हो सके।
सामूहिक नेतृत्व की पैरोकारी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के आधिकारिक पोस्टर में उनका फोटो न होने पर इसका ध्यान नहीं रखा गया। उन्होंने पार्टी के मंचों पर तवज्जो नहीं देने का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन में कुछ व्यक्तियों की संस्तुति करने के लिए उन्होंने उन्हें एआइसीसी का दरवाजा खटकाना पड़ा, तब सामूहिकता का ध्यान नहीं रखा गया।
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