Move to Jagran APP

पूर्व सीएम हरीश रावत ने की विधानसभा चुनाव के लिए CM का चेहरा घोषित करने की मांग, कांग्रेस में हलचल

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव भले ही अगला विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ने की वकालत करें लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का रुख इसके उलट है। हरीश रावत चाहते हैं कि पार्टी प्रदेश में चुनावी रण से पहले सेनापति यानी मुख्यमंत्री पद के दावेदार की घोषणा करे।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 10:58 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 11:52 PM (IST)
पूर्व सीएम हरीश रावत ने की विधानसभा चुनाव के लिए CM का चेहरा घोषित करने की मांग, कांग्रेस में हलचल
पूर्व सीएम हरीश रावत ने की विधानसभा चुनाव के लिए CM का चेहरा घोषित करने की मांग।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Election 2022 कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव भले ही अगला विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ने की वकालत करें, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत का रुख इसके उलट है। हरीश रावत चाहते हैं कि पार्टी प्रदेश में चुनावी रण से पहले सेनापति, यानी मुख्यमंत्री पद के दावेदार की घोषणा करे। खास बात ये है कि अभी तक हरीश रावत समर्थक ही उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने की पुरजोर पैराकारी करते रहे हैं। इस मामले में अब खुद सामने आकर उन्होंने हाईकमान के सामने अपनी मंशा जाहिर कर दी। वहीं उनके इस रुख के बाद राज्य में पार्टी के भीतर सियासी तूफान तय माना जा रहा है।

loksabha election banner

बीती सात जनवरी को उत्तराखंड के तीन दिनी दौरे पर आए प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव दोनों ही मंडलों, कुमाऊं और गढ़वाल में कार्यकत्र्ताओं और नेताओं के साथ बैठकों में यह साफ कर चुके हैं कि पार्टी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। हालांकि प्रभारी के साथ किसी भी बैठक से हरीश रावत ने दूरी बनाए रखी थी। प्रभारी की वापसी के दो दिन बाद ही इंटरनेट मीडिया पर राहुल गांधी और देवेंद्र यादव को समर्पित अपनी पोस्ट में हरीश रावत ने सामूहिक नेतृत्व पर खुलकर सवाल खड़े कर दिए। साथ ही अपने अंदाज में यह बात भी रख दी कि 'हरीश रावत ही क्यों।'

उन्होंने कहा कि पार्टी को बिना लाग-लपेट के 2022 के चुनावी रण का सेनापति घोषित कर देना चाहिए। पार्टी को यह भी स्पष्ट कर देना चाहिए कि कांग्रेस की विजय की स्थिति में वही व्यक्ति मुख्यमंत्री भी होगा। उत्तराखंड वैचारिक रूप से परिपक्व राज्य है। लोग जानते हैं, राज्य के विकास में मुख्यमंत्री की क्षमता व नीतियों का बहुत योगदान रहता है। चुनाव में अस्पष्ट स्थिति के साथ जाएंगे तो यह पार्टी हित में नहीं होगा।

पार्टी में खत्म हो असमंजस

उन्होंने यह भी कहा कि इस समय अनावश्यक कयासबाजी व मेरा-तेरा के चक्कर में कार्यकत्र्ताओं का मनोबल टूट रहा है। कार्यकर्त्‍ताओं के स्तर पर भी गुटबाजी पहुंच रही है। उन्हें लेकर पार्टी को असमंजस नहीं होना चाहिए। पार्टी जिसे भी सेनापति घोषित करेगी, वह उसके पीछे खड़े होंगे और यथा आवश्यकता सहयोग करेंगे। साथ ही ये टिप्पणी भी की कि राज्य के कांग्रेस को विशालतम अनुभवी व अति ऊर्जावान व्यक्तियों की सेवाएं उपलब्ध हैं, उनमें से एक नाम की घोषणा करिये और हमें आगे ले चलिये।

यह भी पढ़ें- आप प्रवक्‍ता बोले, सेल्फी विद स्कूल अभियान ने दिखाया उत्‍तराखंड सरकार को आईना


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.