Move to Jagran APP

Uttarakhand Assembly Election: सत्ता के लिए दिग्गजों को पिलाई जा रही एका की घुट्टी

Uttarakhand Assembly Election 2022 उत्तराखंड में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में टांग खिंचाई और गाहे-बगाहे एकदूसरे पर हावी होने की कोशिशें जारी रहीं तो 2022 में विधानसभा चुनाव के नतीजे पार्टी के लिए पुरसुकून नहीं रहने वाले हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 08:45 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 08:45 AM (IST)
सत्ता के लिए दिग्गजों को पिलाई जा रही एका की घुट्टी।

रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून। Uttarakhand Assembly Election 2022 उत्तराखंड में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में टांग खिंचाई और गाहे-बगाहे एकदूसरे पर हावी होने की कोशिशें जारी रहीं तो 2022 में विधानसभा चुनाव के नतीजे पार्टी के लिए पुरसुकून नहीं रहने वाले हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव और फिर 2019 में लोकसभा चुनाव में प्रदेश में पार्टी अपना हश्र देख चुकी है। उसके बाद अभी तक हालात में खास तब्दीली न आने को भांपकर कांग्रेस हाईकमान सक्रिय होने के साथ सख्त मूड में है। पार्टी क्षत्रपों को एकजुट होने की नसीहत अब हिदायत में बदल चुकी है। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने हाईकमान के इस रुख से प्रदेश के सभी दिग्गजों को अवगत करा दिया है।

loksabha election banner

उत्तराखंड में 2022 का चुनाव कांग्रेस के लिए करो या मरो का प्रश्न बना है। पिछले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में भाजपा को जिस तरह प्रचंड बहुमत मिला, उससे पार्टी की फूली सांसें अभी तक सामान्य नहीं हो पाई हैं। लिहाजा सत्ता में वापसी के लिए ठोस रोडमैप बनाने में ताकत झोंकी जा रही है। चुनाव अभियान के धारदार तेवर दिखने तय हैं, लेकिन पार्टी की असली चिंता रोडमैप को परवान चढ़ाने वाले क्षत्रपों पर टिकी है। इसे ध्यान में रखकर प्रदेश के दिग्गज नेताओं को साधकर एकजुटता की घुट्टी पिलाई जा रही है। साझा प्रयासों से मंजिल पाने पर जोर चुनाव में साझा प्रयासों को बल देने को पार्टी नेताओं को साथ बैठाकर गिले-शिकवे दूर करने का काम शुरू कर दिया गया है।

प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के साथ उनके दिल्ली स्थित आवास पर पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और पार्टी विधानमंडल दल की नेता डा इंदिरा हृदयेश की एक दौर की बैठक हो चुकी है। अगली बैठक 12 जून को होगी। इन बैठकों का लब्बो-लुआब प्रदेश में सभी को साथ लेकर चलने के लिए सहमत करना है। इसी रणनीति पर आगे बढ़कर ही पार्टी को सत्ता में वापसी की उम्मीद है। समर्थकों को भी अनुशासन जरूरी प्रदेश में पार्टी के भीतर अलग-अलग सुरों को साधने का जिम्मा दिग्गज नेताओं को ही सौंपने की तैयारी है।

यह भरोसा कायम होने के साथ ही ठोस रोडमैप को सामने रखकर पार्टी जनता के बीच जाने की तैयारी कर रही है। चुनाव अभियान को शुरुआती दौर से बेहद नियोजित तरीके से आगे बढ़ाने की कसरत अंदरखाने शुरू हो चुकी है। दिग्गजों को साधने के बाद उनके समर्थकों को भी अनुशासन की घुट्टी पिलाई जाएगी। बड़े नेताओं को संकेत देने के लिए अनुशासनहीनता करने वाले उनके खेमे से जुड़े नेताओं पर गाज भी गिराने की तैयारी आगे दिखाई दे सकती है।

यह भी पढ़ें- गंगोत्री से भी चुनाव लड़ सकते हैं सीएम तीरथ सिंह रावत, अगले दो दिन में होगा विचार

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.