पूर्व सीएम त्रिवेंद्र बोले, अनुकृति चुनाव लड़ना चाहती हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं; टिकट देना हाईकमान का काम
Utatrakhand Assembly Elections 2022 अनुकृति गुसाईं की विधानसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि यदि अनुकृति चुनाव लड़ना चाहती हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Utatrakhand Assembly Elections 2022 कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं की विधानसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि यदि अनुकृति चुनाव लड़ना चाहती हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है। उन्हें अपनी दावेदारी करनी भी चाहिए। साथ ही कहा कि टिकट किसे देना है, किसे नहीं, यह तय करना भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का काम है।
कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत पूर्व में कई बार आगामी विधानसभा चुनाव न लडऩे की बात कह चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि वह अपनी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं के लिए टिकट मांग सकते हैं। इसे लेकर लंबे समय से चर्चा हो रही है। अब पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अनुकृति गुसाईं की दावेदारी का समर्थन किया है।
उधर, अनुकृति ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत उनके लिए पितातुल्य हैं। यदि उन्होंने कुछ कहा है तो सोच-समझकर ही कहा होगा। अनुकृति के मुताबिक जब वह मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल चुनी गईं थी, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनका भव्य स्वागत किया था। साथ ही उन्हें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड अंबेसडर भी बनाया था।
अनुकृति भी जता चुकी हैं राजनीति में आने की इच्छा
अनुकृति गुसाईं भी राजनीति में आने की इच्छा जाहिर कर चुकी हैं। जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा था, 'लैंसडौन की बेटी हूं। अगर वहां की जनता, महिलाएं और पार्टी चाहेगी तो मैं जरूर चुनाव लडूंगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री युवा हैं तो मैं समझती हूं कि अधिक से अधिक युवाओं को आगे आना चाहिए।' अनुकृति गुसाईं ने ये भी कहा था कि बड़ी संख्या में लैंसडौन की महिलाएं उनसे जुड़ी हुई हैं। कई बार महिलाओं की समस्याएं सुनकर लगता है कि यदि उन्हें यहां का नेतृत्व करने का मौका मिले तो इन्हें हल करने का प्रयास करेंगी। अभी भी वहां महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। अनुकृति ने कहा कि उनका प्रयास है कि क्षेत्र की महिलाएं रोजगार से जुड़ें और स्वावलंबी बनें।
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