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खेलों में पारदर्शिता के लिए तीसरी आंख का इस्तेमाल फायदेमंद

ओलंपियन अखिल कुमार ने दैनिक जागरण के साथ बॉक्सिंग को लेकर अपने अनुभव साझा किए। खेलों में पारदर्शिता लाने के लिए तीसरी आंख का इस्तेमाल बेहद जरूरी है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 09 Jan 2018 04:35 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jan 2018 10:46 PM (IST)
खेलों में पारदर्शिता के लिए तीसरी आंख का इस्तेमाल फायदेमंद
खेलों में पारदर्शिता के लिए तीसरी आंख का इस्तेमाल फायदेमंद

देहरादून, [जेएनएन]: खेलों में पारदर्शिता लाने के लिए तीसरी आंख का इस्तेमाल बेहद जरूरी है। खेल चाहे कोई भी हो, नतीजों पर आरोपों से घिरने के बजाये यदि आयोजक आयोजन स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाएं तो आरोपों से बचा जा सकता है। कई जगह इस तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं, जिनसे बड़ी राहत मिली है। यह मानना है बॉक्सिंग के पूर्व ओलंपियन अखिल कुमार का। अखिल इन दिनों केंद्र सरकार की ओर से बॉक्सिंग के नेशनल ऑब्जर्वर की भूमिका भी निभा रहे हैं।

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सोमवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने दून पहुंचे ओलंपियन अखिल कुमार ने दैनिक जागरण के साथ बॉक्सिंग को लेकर अपने अनुभव साझा किए। अखिल का कहना है कि खिलाड़ी में हार स्वीकार करने का दम होना चाहिए, तभी वह ऊंचे मुकाम पर पहुंच सकता है। कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक विजेता रहे अखिल कहते हैं कि बॉक्सिंग में भारत का भविष्य उज्ज्वल है। सीनियर के साथ जूनियर खिलाड़ी भी उम्दा प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में हुई जूनियर वल्र्ड चैंपियनशिप में महिला खिलाडिय़ों ने देश को पांच स्वर्ण पदक दिलाए, जो भविष्य के लिये शुभ संकेत है। उन्होंने दावा किया कि अप्रैल में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में इस बार भारत की झोली में कम से कम तीन पदक तो जरूर आएंगे। उन्होंने कहा कि फेडरेशन मौजूदा समय पर अच्छे लोगों के हाथ में है और सरकार भी खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है।

गलत थे पायल के आरोप

उत्तराखंड की महिला बॉक्सर पायल शर्मा के आरोपों को अखिल कुमार ने बेबुनियाद बताया। जूनियर इंडिया कैंप में शामिल उत्तराखंड की पायल शर्मा ने फेडरेशन के पदाधिकारी और ज्यूरी सदस्यों पर आरोप लगाया था कि उन्हें जीती हुई बाउट में हारा हुआ घोषित किया गया। बतौर नेशनल ऑब्जर्वर अखिल ने जब बाउट की वीडियो देखी तो पायल उसमें वाकई हारी हुईं थीं। अखिल ने बताया कि मुकाबला बेहद करीबी था और ऐसे मुकाबले में निर्णायकों के लिए भी कई बार असमंजस की स्थिति बन जाती है। लेकिन जब बारीकी से वीडियो देखी गई तो पायल वह बाउट हारी हुई थीं। अखिल कहते हैं कि विरोध दर्ज कराने के और भी तरीके हैं, लेकिन खुलकर मीडिया के सामने आना और खेल को बदनाम करना गलत है। बॉक्सिंग फेडरेशन ने पायल के खिलाफ जो कार्रवाई की है, वह अन्य बॉक्सरों के लिए भी सबक है।

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