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उत्तराखंड की लोक संस्कृति से रूबरू होंगे डोनाल्ड ट्रंप, देखेंगे घस्यारी नृत्य

भारत यात्रा पर आ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उत्तराखंड की लोक संस्कृति से भी रूबरू होंगे। उत्तराखंड के लोक कलाकार उत्तराखंड के प्रसिद्ध घस्यारी लोक नृत्य की प्रस्तुति देंग

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 07:32 AM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 08:06 PM (IST)
उत्तराखंड की लोक संस्कृति से रूबरू होंगे डोनाल्ड ट्रंप, देखेंगे घस्यारी नृत्य
उत्तराखंड की लोक संस्कृति से रूबरू होंगे डोनाल्ड ट्रंप, देखेंगे घस्यारी नृत्य

ऋषिकेश, दुर्गा नौटियाल। पहली बार भारत यात्रा पर आ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अहमदाबाद (गुजरात) उत्तराखंड की लोक संस्कृति से भी रू-ब-रू होंगे। उनके सामने उत्तराखंड के लोक कलाकार प्रसिद्ध घस्यारी लोक नृत्य की प्रस्तुति देंगे। इसके लिए उत्तराखंड से नौ सदस्यीय दल को संस्कृति मंत्रालय की ओर से निमंत्रण मिला है। 

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24 फरवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो-दिवसीय यात्रा पर भारत आ रहे हैं। वह पहले दिन अहमदाबाद पहुंचेंगे, जहां उनका 22 किमी का रोड शो भी होना है। ट्रंप को इस यात्रा के दौरान भारतीय संस्कृति की झलक दिखाने की योजना भी संस्कृति मंत्रालय ने बनाई है। खासतौर पर इसके लिए तीन पर्वतीय राज्यों को चुना गया है। इनमें उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश व मणिपुर शामिल हैं। उत्तराखंड को संस्कृति मंत्रालय ने घस्यारी लोक नृत्य की प्रस्तुति देने के लिए आमंत्रित किया है। 

भागीरथी कला संगम समिति के संस्थापक एवं लोक कलाकार नत्थीलाल नौटियाल ने बताया कि उनके निर्देशन में आठ-सदस्यीय दल घस्यारी लोक नृत्य की प्रस्तुति देने अहमदाबाद जाएगा। इस दल में लोक कलाकार कविता रावत, सुरुचि भट्ट, मोनिका आर्य, दीपिका पंत, रविंद्र रौथाण, मोहित, बंटी व लवली शमिल हैं। बताया कि गढ़वाली लोक गीत 'हे दिदी, हे भुली, हे ब्वारी, घास काटण जौला पल्या सारी' गीत पर दल पांच मिनट की नृत्य प्रस्तुति देगा। पूरा दल उत्तराखंड की आंचलिक वेशभूषा में होगा। घास (चारा-पत्ती) के लिए उपयोग होने वाली घिल्डा (पीठ पर बांधी जाने वाली टोकरी) व दरांती भी नृत्य दल का हिस्सा होगा। 

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राजपथ व कॉमनवेल्थ में दे चुके हैं प्रस्तुति 

भागीरथी कला संगम समिति के संस्थापक नत्थी लाल नौटियाल ने बताया कि घस्यारी नृत्य उत्तराखंड का प्रसिद्ध लोक नृत्य है। वह अब तक देश के कई शहरों और विदेशों में भी इस नृत्य की प्रस्तुति दे चुके हैं। गणतंत्र दिवस परेड में वर्ष 1995, 1998, 2007, 2009, 2000, 2014, 2017 व 2018 में राजपथ पर उन्होंने घस्यारी नृत्य की प्रस्तुति दी। इसके अलावा वर्ष 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स के उद्घाटन पर भी यह नृत्य प्रस्तुत किया गया था। 

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