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हताश उपनल कर्मियों ने समाप्त की भूख हड़ताल, इन मांगों को लेकर थे आंदोलनरत

समान कार्य समान वेतन और नियमितीकरण की मांग को लेकर पिछले 51 दिन से धरने व छह अप्रैल से भूखहड़ताल पर बैठे उपनलकर्मी हताश दिख रहे हैं। सरकार की अनदेखी और निरंतर स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण बुधवार को कर्मचारियों ने भूख हड़ताल समाप्त कर दी।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 10:37 AM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 10:37 AM (IST)
हताश उपनल कर्मियों ने समाप्त की भूख हड़ताल, इन मांगों को लेकर थे आंदोलनरत
हताश उपनल कर्मियों ने समाप्त की भूख हड़ताल।

जागरण संवाददाता, देहरादून। समान कार्य, समान वेतन और नियमितीकरण की मांग को लेकर पिछले 51 दिन से धरने व छह अप्रैल से भूख हड़ताल पर बैठे उपनलकर्मी हताश दिख रहे हैं। सरकार की अनदेखी और निरंतर स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण बुधवार को कर्मचारियों ने भूख हड़ताल समाप्त कर दी। उक्रांद कार्यकर्ताओं ने कर्मचारियों को जूस पिलाकर भूखहड़ताल समाप्त कराई। कर्मचारियों ने धरना जारी रखते हुए 17 अप्रैल को सचिवालय कूच करने का निर्णय लिया है।

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उपनल कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कुशाग्र जोशी ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर धरना-प्रदर्शन पूरे जोश के साथ जारी है। सरकार निरंतर कर्मचारियों की अनदेखी कर रही है और दूसरी तरफ महासंघ के आंदोलन को उक्रांद, कांग्रेस, आप और किसान संगठनों का निरंतर समर्थन मिल रहा है। लिहाजा, 17 अप्रैल के सचिवालय कूच में तमाम संगठन भी उपनल कर्मचारियों के साथ खड़े होंगे।

महासंघ के प्रदेश महामंत्री हेमंत सिंह रावत ने कहा कि सात अप्रैल को मंत्रिमंडल की बैठक में उपनल कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाया जरूर गया, मगर उनका पक्ष सुने बिना ही मनमाफिक कार्यवृत्त तैयार कर दिया गया। धरने के दौरान कार्यवृत्त की प्रतियां जलाकर इसका विरोध भी किया गया। धरने में महेश भट्ट, विनोद गोदियाल, दीपक चौहान, विजयराम खंखरियाल, विपिन, भावेश जगूड़ी, हरीश कोठारी, हरीश पनेरू, दीवान सिंह, अमित लाल आदि आदि उपस्थित रहे।

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