मानदेय बढ़ोतरी पर उपनल कर्मियों की नजर, 12 अक्टूबर को बैठक में चर्चा होने की संभावना
प्रदेश में उपनल कर्मियों की नजरें कैबिनेट की बैठक पर टिकी हुई हैं। कारण यह कि इस बैठक में उपनल कर्मियों के मानदेय बढ़ोतरी के संबंध में निर्णय लिया जाना है।माना जा रहा है कि इस बैठक में उपनल कर्मियों के मानदेय संबंधी प्रस्ताव लाया जा सकता है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में उपनल कर्मियों की नजरें कैबिनेट की बैठक पर टिकी हुई हैं। कारण यह कि इस बैठक में उपनल कर्मियों के मानदेय बढ़ोतरी के संबंध में निर्णय लिया जाना है। इस संबंध में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में गठित उप समिति तकरीबन दो माह पूर्व अपनी रिपोर्ट कैबिनेट को सौंप चुकी है। इस पर पहले 15 सितंबर को हुई कैबिनेट में निर्णय होने की उम्मीद थी। हालांकि, यह मसला कैबिनेट में नहीं आ पाया। अब 12 अक्टूबर को कैबिनेट प्रस्तावित है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बैठक में उपनल कर्मियों के मानदेय संबंधी प्रस्ताव लाया जा सकता है।
प्रदेश सरकार ने राज्य गठन के बाद उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) को आउटसोर्सिंग एजेंसी बनाया था। पूर्व सैनिकों, उनके आश्रितों व अन्य युवाओं को उनकी योग्यता के हिसाब से विभिन्न विभागों में उपनल के जरिये नियुक्त किया जाता है। इस समय प्रदेश में 20 हजार से अधिक उपनल कर्मचारी विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ये लंबे समय से सरकारी सेवाओं में सेवायोजित करने और मानदेय वृद्धि की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर ये काफी समय तक आंदोलनरत भी रहे। इनकी समस्याओं के समाधान के लिए धामी सरकार ने मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया। इस उप समिति ने भी उपनल कर्मियों को उनकी श्रेणियों के हिसाब से मानदेय वृद्धि का सिफारिश की।
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उप समिति द्वारा प्रस्तावित दर में अकुशल श्रमिकों को न्यूनतम 15 हजार, अद्र्धकुशल को न्यूनतम 19 हजार, कुशल को न्यूनतम 22 हजार और अधिकारी वर्ग को 40 हजार मानदेय देने की बात कही गई। सरकार ने भी इस मामले में कैबिनेट में लाने की बात कही। 15 सितंबर को इस पर चर्चा संभावित थी लेकिन यह मसला बैठक में नहीं आया। बताया गया कि बैठक में 28 से अधिक बिंदुओं पर चर्चा हो चुकी थी। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम लगे हुए थे। इस कारण इस प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हुई। अब माना जा रहा है कि 12 अक्टूबर को इस पर चर्चा होगी। ऐसे में उपनल कर्मियों की निगाह इस बैठक पर टिकी हुई है।
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