Unlock 3.0: ई-मेल और वॉट्सएप से अधिकारियों से संपर्क करेंगे पुलिसकर्मी
रात के कर्फ्यू से लेकर कई तरह की पाबंदियां खत्म होने के बाद सड़कों पर जिंदगी अब पहले जैसी दिखने लगी है। ऐसे में पुलिस का काम बढ़ गया है।
देहरादून, जेएनएन। अनलॉक-3 में रात के कर्फ्यू से लेकर कई तरह की पाबंदियां खत्म होने के बाद सड़कों पर जिंदगी अब पहले जैसी दिखने लगी है। ऐसे में पुलिस का काम बढ़ गया है और उनके संक्रमित होने का खतरा भी। जिसे देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिसकर्मियों को हिदायत दी है कि ऐसे समय में पूर्व में जारी एसओपी का अनिवार्य रूप से पालन किया जाए। साथ ही किसी समस्या या शिकायत के लिए अधिकारियों के समक्ष पेश होने से बचें। अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए वह ई-मेल या वाट्सएप की मदद ले सकते हैं।
उत्तराखंड में मार्च से अब तक 106 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से नौ ठीक होकर ड्यूटी पर भी वापस आ चुके हैं। वहीं 1363 पुलिसकर्मियों को क्वारंटाइन किया गया, जिनमें से 1158 क्वारंटाइन अवधि पूरी कर ड्यूटी कर रहे हैं। पुलिसकर्मियों को कोरोना से बचाए रखने के लिए पुलिस मुख्यालय ने एसओपी जारी कर रखी है, जिसका सख्ती से पालन करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
मगर तमाम एहतियातों के बावजूद यह नहीं कहा जा सकता है कि पुलिस खतरे से दूर है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि चरणवार अनलॉक में लगभग सभी तरह की पाबंदियां हटा दी गई हैं। ऐसे में सड़कों पर भीड़ बढ़ी है और पुलिस का काम भी। इसे देखते हुए फील्ड ड्यूटी करते वक्त सभी को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यह भी हिदायत दी गई है कि वह अफसरों तक अपनी बात कहने के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश होने से बचें।
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महानिदेशक अपराध और कानून व्यवस्था अशोक कुमार का कहना है कि अनलॉक-3 में पुलिस की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। उन्हें कोरोना के खतरे से बचाने के लिए हरसंभव कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, अधिकारियों के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने के बजाय ई-मेल या वॉट्सएप के जरिये अपनी बात रखने को कहा गया है।