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बीएड फैकल्टी का बनेगा यूनिक आइडी, जो आधार से होगी लिंक

अब बीएड कॉलेज और उनमें पढ़ाने वाले शिक्षक फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेंगे। इसके लिए एनसीटीई की ओर से सभी बीएड कॉलेजों की फैकल्टी को यूनिक आइडी जारी की जाएगी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 06:43 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 06:43 PM (IST)
बीएड फैकल्टी का बनेगा यूनिक आइडी, जो आधार से होगी लिंक
बीएड फैकल्टी का बनेगा यूनिक आइडी, जो आधार से होगी लिंक

देहरादून, अशोक केडियाल। अब बीएड कॉलेज और उनमें पढ़ाने वाले शिक्षक फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेंगे। इसके लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की ओर से सभी बीएड कॉलेजों की फैकल्टी को यूनिक आइडी जारी की जाएगी। जो फैकल्टी के आधार से लिंक होगी।  

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बीएड कॉलेजों में फैकल्टी की नियुक्ति में अक्सर फर्जीवाड़े की शिकायतें आती हैं। शिक्षकों को केवल औपचारिकता के लिए संस्थान से जोड़ा जाता है। इसके अलावा कई शिक्षक दो से तीन कॉलेजों में पढ़ाते हैं। अब एनसीटीई ने ऐसे कॉलेजों और शिक्षकों पर लगाम कसने की तैयारी कर ली है। इसके तहत एनसीटीई ने कॉलेजों से ऑनलाइन परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (पीएआर) मांगी है। इसमें फैकल्टी का विवरण आधार नंबर के साथ देना होगा। इससे ऐसे शिक्षक चिह्नित हो जाएंगे, जो एक से अधिक बीएड कॉलेजों में बतौर फैकल्टी नियुक्त हैं। इसके बाद शिक्षकों की यूनिक आइडी तैयार कराई जाएगी। जिससे कोई भी शिक्षक एक से अधिक कॉलेज में बतौर फैकल्टी शामिल नहीं हो पाएगा। जिस शिक्षक की यूनिक आइडी पीएआर में नहीं होगी, उसे पात्र नहीं माना जाएगा।

21 तक देनी है पीएआर

देशभर के बीएड कॉलेजों से 21 जनवरी 2020 तक पीएआर प्राप्त होने के बाद एनसीटीई फैकल्टी के यूनिक आइडी कोड पर काम करेगी। अकेले उत्तराखंड में 110 बीएड कॉलेज हैं। इनमें राजकीय, अशासकीय व निजी कॉलेज शामिल हैं। इन सभी कॉलेजों में एनसीटीई के मानक लागू होंगे।

100 छात्र पर होने चाहिए 16 शिक्षक, तैनात हैं सिर्फ छह-सात

एनसीटीई के नए नियमों के मुताबिक बीएड कॉलेज में 100 छात्रों पर 16 फैकल्टी अनिवार्य है। जबकि अधिकतर बीएड कॉलेजों में 100 छात्रों पर छह से सात शिक्षक ही नियुक्त हैैं।

हर साल लेनी होगी मान्यता

कई बीएड कॉलेजों में बुनियादी सुविधाओं से लेकर फैकल्टी, प्रयोगशाला, भवन, पुस्तकालय आदि मानकों के अनुरूप नहीं हैं। इन सुविधाओं के भौतिक सत्यापन के लिए एनसीटीई ने वन टाइम मान्यता के स्थान पर प्रतिवर्ष मान्यता देने का प्रावधान किया है। प्रतिवर्ष एनसीटीई के दल बीएड कॉलेजों का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही मान्यता मिलेगी। 

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डॉ. सुनील अग्रवाल (अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस कॉलेज) का कहना है कि एनसीटीई ने कॉलेजों से पीएआर इसलिए मांगी है ताकि संस्थान में फैकल्टी निर्धारित हो सके और एक शिक्षक एक ही संस्थान में पढ़ाए। इसके लिए यूनिक आइडी कोड जारी किया जाएगा। उत्तराखंड के बीएड कॉलेज पहले से ही इस व्यवस्था का पूरी तरह पालन करते आ रहे हैं।

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