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उत्‍तराखंड में नए विश्वविद्यालय को अलग एक्ट की जरूरत नहीं

उत्‍तराखंड में नए खुलने वाले निजी या सरकारी विश्वविद्यालयों के लिए अब अलग एक्ट बनाने की दरकार नहीं रहेगी।

By Edited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 09:25 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 02:14 PM (IST)
उत्‍तराखंड में नए विश्वविद्यालय को अलग एक्ट की जरूरत नहीं
उत्‍तराखंड में नए विश्वविद्यालय को अलग एक्ट की जरूरत नहीं

देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। प्रदेश में नए खुलने वाले निजी या सरकारी विश्वविद्यालयों के लिए अब अलग एक्ट बनाने की दरकार नहीं रहेगी। अंब्रेला एक्ट की कवायद परवान चढ़ी तो नए विश्वविद्यालयों को एक्ट तैयार करने की झंझट से निजात मिल जाएगी। प्रस्तावित अंब्रेला एक्ट के तहत नए विश्वविद्यालयों का नाम जुड़ता जाएगा। एक्ट के मसौदे को अंतिम रूप दिया गया है, जबकि परिनियमावली को लेकर मशक्कत चल रही है। हालांकि इसे अगले माह होने जा रहे बजट सत्र में विधानसभा में पेश किए जाने की क्षीण संभावना है। अलबत्ता, उसके बाद सत्रों में इसे सदन के पटल पर रखा जा सकता है।

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उच्चस्तरीय समिति की बैठक

निजी और सरकारी विश्वविद्यालयों के लिए समान एक्ट लाने की कसरत तेज है। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा डॉ रणवीर सिंह की अध्यक्षता में अंब्रेला एक्ट का मसौदा तैयार करने के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति की बैठक हुई। बैठक में इसके मसौदे को अंतिम रूप देने पर सहमति बन गई है। बैठक में निजी विश्वविद्यालयों में अंब्रेला एक्ट को लेकर बनी हिचक दूर करने के प्रयास भी किए गए। उन्हें आश्वस्त किया गया कि अंब्रेला एक्ट निजी और सरकारी विश्वविद्यालयों के लिए भले ही एक होगा, लेकिन उक्त दोनों के लिए अलग-अलग प्रावधान किए जाएंगे। निजी विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता से छेड़छाड़ का सरकार का कोई इरादा नहीं है।

ट्रिब्यूनल नहीं बनेगा समिति 

इस बात पर सहमत है कि हिमाचल पैटर्न पर अंब्रेला एक्ट नहीं बनेगा। निजी विश्वविद्यालयों पर अंकुश लगाने के लिए ट्रिब्यूनल गठित करने का सरकार का इरादा नहीं है। प्रस्तावित एक्ट में कुलपति, कुलसचिव, प्रति कुलपति के साथ ही एक्जीक्यूटिव काउंसिल, एकेडमिक काउंसिल, फाइनेंस कमेटी, बोर्ड ऑफ स्टडीज समेत विश्वविद्यालयों के आंतरिक प्रशासन को बेहतर करने के लिए जरूरी तमाम व्यवस्थाओं को एक समान करने पर जोर रहेगा, इससे विभिन्न स्तरों पर सेवा शर्तो व नियमावलियों भर्ती प्रक्रिया, आयु सीमा, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानकों के अनुपालन की एकरूप व्यवस्था बन सकेगी।

 हालांकि, कुलाधिपति और कुलपति की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव को लेकर निजी विश्वविद्यालय कुछ आशंकित भी हैं। बैठक में कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डीके नौरियाल, रूसा के सलाहकार प्रो केडी पुरोहित, अल्मोड़ा आवासीय विश्वविद्यालय के कुलपति डा एचएस धामी समेत कई अन्य सदस्य भी मौजूद थे।

अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा डॉ रणवीर सिंह ने बताया कि एक्ट के मसौदे को तकरीबन अंतिम रूप दिया जा चुका है। अब परिनियमावली पर काम किया जा रहा है। अंब्रेला एक्ट को परिनियमावली के साथ सदन में रखने की सरकार की मंशा है। 15 दिन में एक्ट के मसौदे को अंतिम रूप से ठोस शक्ल दी जाएगी। वहीं इसके बाद परिनियमावली को भी अंतिम रूप दिया जाएगा।

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