UKSSSC Paper Leak case: रामनगर से न्यायिक कर्मचारी गिरफ्तार, जीजा के साथ मिलकर किया था प्रश्नपत्र लीक, अब तक 13 की हो चुकी गिरफ्तारी
UKSSSC Paper Leak case यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तर की परीक्षा के पेपर लीक मामले में उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने रामनगर से एक और न्यायिक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। वह मौजूदा समय में रामनगर में सरकारी आवास पर रह रहा था।
जागरण संवाददाता, देहरादून: UKSSSC Paper Leak case उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तर की परीक्षा के पेपर लीक मामले में उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने रामनगर से एक और न्यायिक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। एक दिन पहले भी एसटीएफ ने नैनीताल से एक न्यायिक कर्मचारी को गिरफ्तार किया था।
13 आरोपित को गिरफ्तार कर चुकी गिरफ्तार
इस मामले में एसटीएफ अब तक तीन न्यायिक कर्मचारी, एक पुलिस कर्मचारी और दो उपनल कर्मियों सहित 13 आरोपित को गिरफ्तार कर चुकी है। एसटीएफ की ओर से उपनल, पुलिस व न्यायिक कर्मचारियों के गिरफ्तार होने पर संबंधित विभागों को रिपोर्ट भेज दी गई है।
31 जुलाई को गनर और उसके साथी हो चुके गिरफ्तार
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि बीती 31 जुलाई को विजिलेंस की ओर से काशीपुर से एक एसपी रैंक के अधिकारी के गनर अंबरीश कुमार व उसके साथी दीपक शर्मा को गिरफ्तार किया था। उनके पास से 36 लाख रुपये भी बरामद किए गए थे। उनसे पूछताछ के बाद एक अगस्त को नैनीताल से न्यायिक कर्मचारी महेंद्र चौहान को गिरफ्तार किया गया था।
रामनगर में सरकारी आवास पर रह रहा था आरोपित
पुख्ता साक्ष्य और बयानों के आधार पर एसटीएफ ने मंगलवार को रामनगर से न्यायिक कर्मचारी हिमांशु कांडपाल निवासी दनिया दौलीगार, धौलादेवी, अल्मोड़ा को गिरफ्तार किया है। वह मौजूदा समय में रामनगर में सरकारी आवास पर रह रहा था। वह पेपर लीक मामले में पूर्व में गिरफ्तार मनोज जोशी (निष्कासित पीआरडी जवान) का जीजा है। आरोपित ने अपने जीजा, महेंद्र चौहान और दीपक शर्मा के साथ मिलकर पेपर लीक कर परीक्षार्थियों को तैयारी करवाई थी।
मनोज जोशी को रिमांड पर ले सकती है एसटीएफ
पेपर लीक की अगली कड़ियां जोड़ने के लिए एसटीएफ जल्द ही मनोज जोशी (निष्कासित पीआरडी जवान) का रिमांड ले सकती है। सूत्रों के अनुसार पूरे मामले में मनोज जोशी का बड़ा हाथ सामने आ रहा है। क्योंकि वह 2015 से आयोग में तैनात था और 2018 में आयोग ने उसे हटा दिया। इसके साथ ही पीआरडी की ओर से उसे निष्कासित कर दिया गया। आशंका है कि इससे पहले भी पेपर लीक करने में उसका हाथ हो सकता है।
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