UKSSSC Paper Leak case: ओटीआर से हुई यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा के संदिग्धों की पहचान, आयोग ने 2019 में शुरू की प्रक्रिया
यूकेएसएसएससी ने 29 मई 2019 को वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) प्रक्रिया शुरू की थी। आयोग की समूह ग की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को अपना पूरा विवरण ओटीआर में भरना होता है। इसमें शैक्षिक व्यवसायिक अर्हता अनुभव फोटो अंगूठा निशान हस्ताक्षर आदि का विवरण शामिल होता है। य
जागरण संवाददाता, देहरादून : UKSSSC Paper Leak case उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) प्रक्रिया आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी कर मेरिट लिस्ट में स्थान पाने वाले अभ्यर्थियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में सहायक सिद्ध हो रहा है। स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसटीएफ रुपये देकर 100 में से 80 सवाल खरीदने वाले अभ्यर्थियों को लगातार चिह्नित कर रही है।
29 मई 2019 को हुई थी ओटीआर प्रक्रिया शुरू
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) ने 29 मई 2019 को वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) प्रक्रिया शुरू की थी। आयोग की समूह 'ग' की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को अपना पूरा विवरण ओटीआर में भरना होता है। इसमें शैक्षिक, व्यवसायिक अर्हता, अनुभव, फोटो, अंगूठा निशान, हस्ताक्षर आदि का विवरण शामिल होता है। यह आयोग के पास मास्टर डाटा के रूप में सुरक्षित रहता है।
80 प्रतिशत तक डेटा स्वत: अपलोड हो जाता है
पूर्व में ओटीआर प्रक्रिया से गुजर चुका कोई भी अभ्यर्थी जब आयोग की किसी भी अन्य परीक्षा के लिए आनलाइन आवेदन करता है तो उसका 80 प्रतिशत तक डेटा स्वत: अपलोड हो जाता है। अभ्यर्थी जितनी बार भी आयोग की परीक्षा देगा, उनका पूरा रिकार्ड उसी में सुरक्षित रहेगा।
100 संदिग्ध अभ्यर्थियों के पूर्व में दी गई परीक्षा के खंगाले अंक
आयोग ने ओटीआर के माध्यम से स्नातक स्तरीय परीक्षा परिणाम की मेरिट में शामिल 100 संदिग्ध अभ्यर्थियों के पूर्व में दी गई परीक्षा के अंक खंगाले। उनमें से ऐसे अभ्यर्थियों को चिहि्नत किया गया, जिनके पूर्व की परीक्षाओं में बहुत कम प्राप्तांक थे और पेपर लीक वाली इस स्नातक स्तरीय परीक्षा में वह मेरिट लिस्ट में शामिल हैं। ऐसे 100 छात्रों की सूची तैयार कर आयोग ने उन्हें एसटीएफ को सौंप दी है, जो जांच के दायरे में हैं।