उत्तराखंड क्रांति दल ने जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी को भेजा ज्ञापन, जानिए क्या है मांगें
उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने विरोध किया है। इस संदर्भ में दल ने शनिवार को जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
देहरादून, जेएनएन। चमोली और रुद्रप्रयाग जिले के 77 डाकघरों में डाक वितरक और डाक वाहक के रिक्त पदों पर बिहार व झारखंड के अभ्यर्थियों को नियुक्त किए जाने का उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने विरोध किया है। इस संदर्भ में दल ने शनिवार को जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा, जिसमें मांग की गई है कि इन पदों पर बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों की नियुक्ति को निरस्त करते हुए स्थानीय निवासियों का चयन किया जाए। अन्य विभागों में भी संघ लोक सेवा आयोग की परिधि से बाहर के पदों पर भी राज्य के मूल निवासियों को प्राथमिकता के आधार पर नियुक्त करने की मांग भी उन्होंने की है।
प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन में उक्रांद कार्यकर्ताओं ने कहा है कि मातृ और युवा शक्ति के संघर्षों के साथ 42 राज्य आंदोलनकारियों की शहादत के बाद पृथक राज्य उत्तराखंड का निर्माण हुआ है। बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की सुविधा मिलने के लिए ही अलग राज्य की मांग की गई थी। लेकिन, राज्य गठन के दो दशक बाद भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। राज्य के प्राकृतिक संसाधनों की खुली लूट की जा रही है।
वहीं, निचले क्रम के पदों पर नियुक्ति मिलने से भी स्थानीय लोग वंचित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि डाकघरों में पोस्टमास्टर, पोस्टमैन और वाहक के पदों पर स्थानीय लोग ही तैनात होते हैं। लेकिन, अब इस परंपरा को भी दरकिनार कर बाहरी राज्यों के व्यक्तियों को इन पदों पर नियुक्ति दी जा रही है। चमोली और रुद्रप्रयाग के कई डाकघरों में डाक वितरक और वाहक के रिक्त पदों पर हुई नियुक्तियां इसका हालिया उदाहरण है।
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राज्य की भौगोलिक परिस्थिति और बोली-भाषा भिन्न है। इसलिए डाक वितरक जैसे पदों पर स्थानीय निवासियों को ही नियुक्त किया जाना चाहिए। ज्ञापन देने वालों में उक्रांद के महानगर संयोजक सुनील ध्यानी, राजेंद्र नेगी, नवीन भदूला, किरण रावत, पीयूष सक्सेना, पंकज रतूड़ी आदि शामिल रहे।