उक्रांद अध्यक्ष दिवाकर भट्ट बोले, सीधी और सपाट शैली बनी दल के लिए चुनौती
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट का कहना है कि दल के पास राष्ट्रीय दलों की तरह साम दाम दंड व भेद की नीति का अभाव है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट का कहना है कि दल के पास राष्ट्रीय दलों की तरह साम, दाम, दंड व भेद की नीति का अभाव है। साथ ही संसाधनों की कमी भी। उक्रांद आंदोलन से जन्मा हुआ दल है और अधिकांश कार्यकर्ता अभी तक भी आंदोलनकारी छवि से बाहर निकलकर राजनीतिक स्वरूप में नहीं आ पाए हैं।
कचहरी रोड स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि उक्रांद अपनी सीधी, सच्ची व सपाट बात कहने की शैली के चलते राजनीतिक मुकाम पाने में असफल रहा है। पर तमाम चुनौतियों के बीच भी दल के सभी प्रत्याशियों को लोकसभा चुनाव में जनता से अच्छा समर्थन मिला है।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वरूप के लिए सड़कों में आंदोलन में नरमी दिखाते हुए अब गांव बचाने और उनके विकास की लड़ाई लड़ते हुए सफर शुरू करना होगा। बताया कि केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक आगामी 24 व 25 अप्रैल को देहरादून में होगी। पहले यह बैठक 15 अप्रैल को प्रस्तावित थी।
भट्ट ने कर्नल (सेनि) अजय कोठियाल को दल का केंद्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की बात को भी निराधार बताया। उन्होंने कहा कि कर्नल कोठियाल अभी दल के प्राथमिक सदस्य भी नहीं हैं। दल के संविधान के अनुसार अध्यक्ष बनने के लिए अनुभव व वरिष्ठता जरूरी है। पत्रकार वार्ता में दल के संरक्षक त्रिवेंद्र पंवार, बीडी रतूड़ी, संजय क्षेत्री, जयप्रकाश उपाध्याय आदि मौजूद रहे।
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