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विधायकों के स्वयं आयकर भरने के समर्थन में आए उत्तराखंड के दो मंत्री

यूपी में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के आयकर स्वयं भरने के निर्णय पर अब उत्तराखंड में भी सकारात्मक पहल नजर आ रही है। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और अरविंद पांडेय ने इसका समर्थन किया।

By Edited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 11:32 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 10:58 AM (IST)
विधायकों के स्वयं आयकर भरने के समर्थन में आए उत्तराखंड के दो मंत्री
विधायकों के स्वयं आयकर भरने के समर्थन में आए उत्तराखंड के दो मंत्री

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के आयकर स्वयं भरने के निर्णय के बाद अब उत्तराखंड में भी इस दिशा में सकारात्मक पहल होती नजर आ रही है। त्रिवेंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और अरविंद पांडेय ने इसकी पैरवी की है। 

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कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि मंत्रियों को सरकारी खजाने से नहीं, बल्कि अपना आयकर स्वयं भरना चाहिए। वह अपना आयकर स्वयं भरते हैं। वह इसका परीक्षण भी करेंगे। वहीं, कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि वह तो विधायक निधि के पक्ष में भी नहीं रहे हैं। इस कारण उनकी भावना को समझा जा सकता है। 

उत्तरप्रदेश में लंबे समय से मंत्रियों का आयकर सरकार ही भर रही थी। इस पर अब योगी सरकार ने रोक लगाई है। उत्तराखंड चूंकि पहले उत्तर प्रदेश का ही अंग था इस कारण अविभाजित उत्तर प्रदेश से चली आ रही व्यवस्था यहां भी बदस्तूर जारी है। यानी मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों का आयकर सरकार ही भर रही है। 

उत्तराखंड में मंत्रियों को वेतन भत्ते मिलाकर प्रतिमाह 4.40 लाख रुपये दिए जाते हैं। इनमें से 90 हजार रुपये केवल वेतन है। शेष अन्य भत्ते हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के मंत्रियों को 1.64 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन भत्तों के रूप में दिए जाते हैं और उनका मूल वेतन 40 हजार रुपये हैं। 

इस लिहाज से उत्तराखंड के मंत्रियों का वेतन कहीं अधिक है। इसे देखते हुए प्रदेश में भी मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों द्वारा आयकर भरने की मांग उठने लगी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इसका परीक्षण करने की बात कर चुके हैं। 

अब दो मंत्रियों ने मंत्रियों के स्वयं आयकर भरने को लेकर उठ रही मांग के समर्थन में कदम आगे बढ़ाए हैं। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि वह अपना टैक्स स्वयं भरते हैं। मंत्रियों को सरकारी खजाने से नहीं बल्कि स्वयं टैक्स भरना चाहिए। बाकि वह मामले का अध्ययन करेंगे। 

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वहीं कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि जब वह पहली बार विधायक बने थे तो सबसे पहले उन्होंने ही विधायक निधि को समाप्त करने की बात कही थी। जो व्यक्ति ऐसा कदम उठा सकता है तो उसकी भावना को समझा जा सकता है। इस पर सरकार जो भी निर्णय लेगी वह उसका स्वागत करेंगे।

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