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अनियमितता पर लोनिवि के दो अभियंता निलंबित, होगी विभागीय जांच

निर्माण कार्यों में अनियमितता के मामले में लोक निर्माण विभाग उत्तरकाशी के अधिशासी अभियंता वीरेंद्र सिंह पुंडीर और अधीक्षण अभियंता जेपी गुप्त को निलंबित कर दिया है।

By Edited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 07:38 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 12:07 PM (IST)
अनियमितता पर लोनिवि के दो अभियंता निलंबित, होगी विभागीय जांच
अनियमितता पर लोनिवि के दो अभियंता निलंबित, होगी विभागीय जांच

देहरादून, राज्य ब्यूरो। शासन ने टेंडर कार्यो में की गई लापरवाही और जांच पूरी होने से पूर्व ही निर्माण कार्य शुरू कराने के मामले में लोक निर्माण विभाग, प्रांतीय खंड उत्तरकाशी के अधिशासी अभियंता वीरेंद्र सिंह पुंडीर और अधीक्षण अभियंता जेपी गुप्त को निलंबित कर दिया है। इन दोनों अभियंताओं को लोनिवि मुख्यालय, पौड़ी से संबद्ध किया गया है। 

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उत्तरकाशी के डुंडा-देवीधार से खट्टूखाल मोटर मार्ग के निर्माण की निविदाओं में बरती गई अनियमितताओं के संबंध में मिली शिकायत पर जिलाधिकारी उत्तरकाशी ने एक जांच समीति के माध्यम से जांच कराई थी। इस जांच में यह पाया गया कि निविदा खुलने के बाद निविदाओं में शिथिलता बरती गई।

इतना ही नहीं, निविदा में दी गई शर्तो का भी पूरा अनुपालन नहीं किया गया था। इन अनियमितताओं के सामने आने के बाद जिलाधिकारी, उत्तरकाशी ने नवंबर 2019 ने निविदा संबंधी पूरी पत्रावली उपलब्ध कराने और जांच पूरी होने तक अग्रिम कार्यवाही रोकने के निर्देश दिए थे। 

इसके बाद 24 दिसंबर 2019 को जिलाधिकारी ने मामले में निविदा प्रक्रिया निरस्त करने के निर्देश दिए। इसी दौरान अपर जिलाधिकारी ने डुंडा-देवीदार-खट्टूखाल मार्ग का औचक निरीक्षण किया तो पाया कि इस मार्ग की कटिंग का काम शुरू हो चुका था। वहीं 26 दिसंबर को लोनिवि ने जिलाधिकारी से कटिंग से होने वाले मलबे के निस्तारण के लिए डंपिंग यार्ड बनाने की अनुमति मांगी। 24 दिसंबर को प्रशासन ने निविदा निरस्त करने के निर्देश दिए थे। 

इतना ही नहीं विभागीय अधिकारियों ने जांच समिति को निर्देशों के बावजूद अभिलेख भी उपलब्ध नहीं कराए। जांच के दौरान ही निर्माण की निविदा स्वीकृत करने और अनुबंध की कार्रवाई को शासन ने निदंनीय बताते हुए पूरी प्रक्रिया को संदेहास्पद करार दिया है। 

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शासन ने पूरे प्रकरण को गंभीर बताते हुए इसे कर्मचारी आचरण नियमावली का भी उल्लंघन बताया है। इन दोनों अभियंताओं के खिलाफ विभागीय जांच भी प्रस्तावित की गई है। साथ ही इन दोनों इंजीनियरों को निलंबित करते हुए उन्हें लोनिवि के पौड़ी मुख्यालय से अटैच कर दिया। 

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