यहां सीवर लाइन की सुविधा से वंचित है बीस हजार की आबादी, जानिए
ढालवाला-मुनिकीरेती की सबसे अधिक करीब बीस हजार की आबादी ढालवाला और चौदह बीघा में निवास करती है। पर अभी तक ये क्षेत्र सीवर लाइन की सुविधा से वंचित है। ढालवाला-चौदह बीघा क्षेत्र में करीब एक दशक पूर्व मेन सीवर लाइन बिछाई गयी थी।
ऋषिकेश, जेएनएन। नगर पालिका परिषद ढालवाला-मुनिकीरेती की सबसे अधिक करीब बीस हजार की आबादी ढालवाला और चौदह बीघा में निवास करती है। पर अभी तक ये क्षेत्र सीवर लाइन की सुविधा से वंचित है। ढालवाला-चौदह बीघा क्षेत्र में करीब एक दशक पूर्व मेन सीवर लाइन बिछाई गयी थी, लेकिन अभी तक क्षेत्र में सीवर की ब्रांच लाइनें नहीं बिछाई जा सकी है।
नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती के शीशमझाड़ी, कैलाश गेट और मुनिकीरेती क्षेत्र में ही अभी तक सीवर लाइन की सुविधा उपलब्ध है। यहां का का सीवेज पहले ट्रीटमेंट के लिए लक्कड़ घाट जाता था, लेकिन अब नमामि गंगे परियोजना के तहत ढालवाला के चोरपानी में क्षेत्र के सीवेज ट्रीमेंट के लिए पांच एमएलडी का एसटीपी बनकर तैयार हो गया है। इस एसटीपी को नगर पालिका के ढालवाला और चौदह बीघा क्षेत्र की आबादी को भी ध्यान में रखकर पांच एमएलडी का बनाया गया है।
यानी भविष्य में अगर ढालवाला और चौदह बीघा क्षेत्र को भी सीवर लाइन से जोड़ा जाता है तो उसके लिए अलग से एसटीपी बनाने की जरूरत नहीं होगी। इस एसटीपी तक सीवेज लिफ्टिंग के लिए भैरव मंदिर के समीप पंपिंग स्टेशन भी तैयार है। ढालवाला और चौदह बीघा क्षेत्र में करीब एक दशक पूर्व जिला योजना के तहत मेन सीवर लाइन बिछाई गई थी, लेकिन तब एसटीपी की उपलब्धता न होने के कारण इस सीवर लाइन का विस्तार नहीं किया गया था। अब पेयजल निगम इसके लिए सर्वे का काम शुरू कर रहा है।
पेयजल निगम के परियोजना प्रबंधक एके चतुर्वेदी ने कहा, ढालवाला-चौदह बीघा क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाने के लिए विभाग सर्वे का काम कर रहा है। सर्वे के पश्चात इसकी डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी जाएगी। नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती से भी इस संबंध में आवश्यक सुझाव लिए जा रहे हैं।
वहीं, नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती के अध्यक्ष रोशन रतूड़ी का कहना है कि ढालवाला-मुनिकीरेती क्षेत्र को सीवर योजना से जोड़ना हमारी प्राथमिकता है। यहां मुख्य लाइन कई वर्ष पूर्व बिछ चुकी है। अब लिंक लाइनें बिछाई जानी है, जिसके लिए पेयजल निगम को सर्वे और डीपीआर तैयार करने के लिए कहा गया है। चोरपानी में पांच एमएलडी का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बन चुका है, जिससे अब काम काफी आसान हो चुका है।
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